इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से पूछा है कि मेट्रोपॉलिटन सिटी को लेकर मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटियों का गठन अब तक क्यों नहीं हुआ। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को जवाब के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता एवं न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि 30 नवंबर 2006 को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर इलाहाबाद सहित कुछ अन्य शहरों का मेट्रोपॉलिटन सिटी की तरह विकास करने का निर्णय लिया। इसके लिए मेट्रोपॉलिटन सिटी प्लानिंग कमेटी का गठन किया जाना है। कमेटी के गठन का अधिकार राज्य निर्वाचन आयोग को है, जो इसके लिए मतदाता सूची आदि तैयार करने का भी काम करता है। राज्य सरकार ने 22 मई 2014 को अधिसूचना जारी कर मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी की सदस्य संख्या 30 सदस्य निर्धारित की।

राज्य सरकार ने 29 जनवरी 2015 को राज्य निर्वाचन आयोग से कमेटियों के गठन की प्रक्रिया जल्दी पूरी करने को कहा। 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को कमेटियों का गठन करने का निर्देश दिया लेकिन आदेश के पांच साल बाद भी राज्य निर्वाचन आयोग ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। इस पर हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह में यह बताने को कहा है कि 2006 में अधिसूचना जारी होने के बाद से अब तक कमेटियों के गठन के संबंध में क्या किया गया है।