लखनऊ. लखीमरपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश राजनीतिक अखाड़ा बना हुआ है. इस मामले में कई नेताओं को हिरासत में लिया गया तो कई पर एफआईआर भी दर्ज की गई. इसी बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर यूपी पुलिस पर जमकर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी के दौरान उनके व उनके कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने अवैध तरीके से बल का प्रयोग किया. साथ ही पुलिस ने गिरफ्तारी को लेकर कोई आदेश या नोटिस अभी तक नहीं दिया और न एफआईआर की कोई कॉपी साझा नहीं की गई.
एफआईआर में दर्ज 11 लोगों में 8 लोग नहीं थे मौजूद
प्रियंका गांधी ने बताया कि वो लखीमपुर खीरी में हुई घटना के संबंध में पीड़ितों के परिवारों से मिलने जा रही थी. इस दौरान मुझे रोककर पुलिस ने अवैध ढंग से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने मुझसे एफआईआर की कोई कॉपी साझा नहीं की. वहीं, जब सोशल मीडिया के जरिए एफआईआर की कॉपी देखी तो उसमें 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिसमें 8 लोग मौके पर मौजूद नहीं थे. इस एफआईआर में पुलिस ने उन दो लोगों का नाम भी दर्ज किया है जो 4 अक्टूबर को लखनऊ से मेरे कपड़े लाए थे.
पुलिस ने न मजिस्ट्रेट के सामने किया पेश, न वकील से मिलने की दी इजाजत
प्रियंका गांधी ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने अभी तक मुझे किसी मजिस्ट्रेट या न्यायिक अधिकारी के सामने पेश नहीं किया है और न ही मुझे मेरे वकील से मिलने की इजाजत दी जा रही है. जो मंगलवार सुबह से सीतापुर गेस्ट हाउस के गेट पर खड़े थे.
जिस वक्त हुई गिरफ्तार सीतापुर में नहीं लागू थी 144
प्रियंका ने बताया कि उनको डीसीपी पीयूष सिंह, सीओ सिटी द्वार मौखिक तौर पर सूचित किया गया है कि उन्हें 4 अक्टूबर को धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है. वहीं, जिस समय मेरी गिरफ्तारी हुई, उस समय में सीतापुर जिले में थी. जबकि उस वक्त सीतापुर में धारा 144 लागू नहीं लगाई गई थी. जिसके चलते मैंने धारा 144 का उल्लंघन नहीं किया है.