पीएम मोदी ने कहा कि आज 18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर आसियान भागीदारों के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत आसियान के साथ अपनी सामरिक साझेदारी को महत्व देता है। आसियान-भारत साझेदारी के 30 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, हमने 2022 को ‘भारत-आसियान मैत्री वर्ष’ के रूप में मनाने का फैसला किया।

आसियान सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कहा कि कोरोना महामारी के कारण हम सभी को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। यह चुनौतीपूर्ण समय भी भारत-आसियान मित्रता की परीक्षा थी। उन्‍होंने इस बात पर पूरा विश्‍वास जताया कि कोरोना काल में हमारा आपसी सहयोग भविष्य में हमारे संबंधों को मजबूत करता रहेगा और हमारे लोगों के बीच सद्भावना का आधार बनेगा।

पीएम मोदी ने आसियान को दिए वर्चुअल संबोधन में कहा कि इतिहास गवाह रहा है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इस बात का गवाह इतिहास रहा है। इसकी झलक साझा मूल्य, परम्पराएं, भाषाएं, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान में भी दिखाई देती है। इस संगठन की एकजुटता हमेशा से ही भारत की प्राथमिकता रही है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पीएम मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 29-31 अक्टूबर तक रोम, इटली और वेटिकन सिटी का दौरा करूंगा। इसके बाद मैं पीएम बोरिस जानसन के निमंत्रण पर 1-2 नवंबर से ग्लासगो, यूके की यात्रा करूंगा। रोम में, मैं 16वें जी 20 लीडर्स समिट में भाग लूंगा, जहां मैं जी 20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा में शामिल होऊंगा।