अकबरपुर से रविवार को सामाजिक परिवर्तन यात्रा के चौथे चरण का शुभारंभ करने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल यादव ने साफ किया कि गठबंधन से भी आगे बढ़कर सपा में पार्टी का विलय करने से भी उन्हें परहेज नहीं। बोले- सत्ता परिवर्तन बहुत जरूरी है। इसके लिए सपा से गठबंधन करना पड़े या फिर चाहे विलय, उन्हें मंजूर है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का समापन 30 नवंबर को अयोध्या में रामलला के दर्शन कर करेंगे। अकबरपुर से निकली यात्रा कानपुर, उन्नाव होते हुए लखनऊ पहुंची। जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

प्रसपा प्रमुख के साथ उनके बेटे और राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव, प्रदेश अध्यक्ष सुंदरलाल लोधी भी थे। यात्रा अकबरपुर से हाईवे होते हुए बारा टोल, रनियां के रास्ते कानपुर के लिए निकल गई, फिर वहां से उन्नाव के लिए। यात्रा के दौरान प्रसपा प्रमुख ने महंगाई के चरम पर और कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का मुद्दा उठाया। कहा, किसान परेशान हैं। युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। सरकार से जुड़े कुछ उद्योग घराने ही पनप रहे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का श्रेय भाजपा ले रही है, लेकिन पहले की सरकार के समय में ही 60 फीसद जमीन इसके निर्माण के लिए ले ली गई थी। कोरोना में जहां बेड व आक्सीजन नहीं थे, वहीं अब डेंगू से भी सरकार लड़ नहीं पा रही। उन्होंने सरकार में आने पर हर परिवार में एक बेटे व बेटी को सरकारी नौकरी देने की बात कही। बोले, जिस परिवार को नौकरी न दे सके तो उसे पांच लाख रुपये बजट से दिए जाएंगे।

प्रसपा प्रमुख ने रखी शर्त…

प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि सपा के साथ सम्मानजनक सीटों और पार्टी से जुड़े पुराने लोगों का सम्मान होने पर ही गठबंधन किया जाएगा। कितनी सीटें गठबंधन में चाहते हैं? इस पर बोले- जब बात होगी तब बताएंगे। इस बाबत लखनऊ में बैठक होगी तभी सीटों का आकलन हो सकेगा।