उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल एकस्प्रेसवे तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की सौगात देने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के सबसे लम्बे एक्सप्रेसवे गंगा एकसप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे। माना जा रहा है कि मेरठ से प्रयागराज के बीच में पडऩे वाले 12 शहरों की सूरत गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से बदल जाएगी।

मेरठ से प्रयागराज तक छह 594 किलोमीटर लम्बे छह लेन के गंगा एक्सप्रेसवे को इस तरह से बनाया जा रहा है कि भविष्य में इसको आठ लेन में परिवर्तित किया जा सके। मेरठ के खरखौदा में एनएच-334 के किनारे बसे बिजौली गांव से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज के सोरांव में एनएच-19 पर बसे जूड़ापुर दांदू पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे पर ही शाहजहांपुर में साढ़े तीन किलोमीटर लम्बी एयर स्ट्रिप भी बनाई जा रही है। जिससे वायुसेना के विमानों के आपातकालीन टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता हो सके।

मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण अडानी इंटरप्राइजेज और आइआरबी इन्फ्राट्रक्चर डेवलपर्स करेंगे। बिडिंग प्रक्रिया के जरिये चयनित हुईं इन कंपनियों के चयन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भी मुहर लग गई।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोपहर 12.10 बजे विमान से बरेली के त्रिशूल एयरबेस, इसके बाद हेलीकाप्टर से जनसभा स्थल पहुंचेंगे। सवा घंटे वहां रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी आएंगे। लोकसभा चुनाव से पहले भी प्रधानमंत्री ने रोजा के रेलवे मैदान में किसान रैली की थी। अब विधानसभा चुनाव से पहले जनसभा व शिलान्यास में आ रहे। प्रदेश का सबसे लम्बा यह गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लम्बा और छह लेन वाला बनेगा। इसके निर्माण की लागत 36,200 करोड़ रुपये है। एक्सप्रेस वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली व प्रतापगढ़ से प्रयागराज पहुंचेगा। यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोडऩे वाला उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा।