दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केस तो बढ़ रहे हैं मगर इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि रोजाना केस ढाई से तीन हजार तक पहुंच रहे हैं। एक्टिव केसों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस वक्त दिल्ली में 6360 एक्टिव केस हैं। तीन दिन पहले एक्टिव केस 2190 थे, 29 दिसंबर को दो हजार केस थे, तीन दिन में तीन गुना केस बढ़े हैं। लेकिन 29 दिसंबर को 262 केस कोरोना के मरीज थे।

एक जनवरी को 147 लोग भर्ती किए गए थे। जो कोरोना से बीमार हो रहे हैं उनमें से किसी को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। बुखार, खांसी जैसी चीजें हो रही हैं, ये सामान्य लक्षण है, लोग इससे ठीक हो जा रहे हैं। आक्सीजन के केवल 82 बेड भरे हुए हैं, कोई भी मरीज ऐसा अस्पताल में नहीं पहुंच रहा है जिसको आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 37,000 आक्सीजन बेड की व्यवस्था की है जिनमें से सिर्फ़ 82 बेड पर ही मरीज हैं और 6000 से ज़्यादा लोग दिल्ली में कोरोना से पीड़ित हैं। मैं यह बताना चाहता हूं कि सभी नए मामलों में हल्के लक्षण हैं इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों को डरने की ज़रूरत नहीं है। दिल्ली में कोरोना के रोज़ करीब 2,500 से 3,000 मामले आ रहे हैं। अभी दिल्ली में कोरोना के 6,360 सक्रिय मामले हैं। कोरोना से जो लोग बीमार हो रहे हैं उन में से लगभग किसी को भी अस्पातल जाने की ज़रूरत नहीं पड़ रही है।

उन्होंने कहा पिछले साल मार्च-अप्रैल के माह में काफी समस्या थी, उसके मुकाबले आज केस ज्यादा है। उस समय 1150 बेड आक्सीजन वाले भरे हुए थे। वेंटिलेटर पर भी अधिक मरीज थे। उस समय मौतों की संख्या भी अधिक थी। अप्रैल में डेली केसेज 2700 आए थे। इस समय भी इतने केस आए हैं मगर वेंटिलेटर का कम इस्तेमाल हो रहा है। दूसरी वेव में रोजाना 10 मरीजों की मौत हो रही थी। मगर आज कभी एक कभी शून्य मरीज की मौत हो रही है।