उत्तर प्रदेश के बरेली में मंगलवार को कांग्रेस की ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ मैराथन में आयोजित किया गया। इस दौरान यहां भगदड़ जैसे हालात देखने को मिला। बता दें कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर बरेली में भी चार जनवरी को मैराथन का आयोजन किया।

सोशल मीडिया पर इस दौरान का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि कई महिलाओं और किशोरियों के चेहरे से मास्क भी गायब था। बिना मास्क के मैराथन में हिस्सा लेने वाली किशोरियों की काफी संख्या थी। जैसे ही दौड़ शुरु हुई, आगे की कुछ महिलाएं गिर गई। जिसके बाद पीछे से आ रही भीड़ रुक नहीं रही थी।

हालांकि, वहां खड़े कई लोगों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की। लेकिन फिर भी करीब 20 लड़कियां जमीन पर गिर गई थीं। इस दौरान चीख-पुकार भी मची, कई बच्चियों के जूते चप्पल सड़क पर बिखरे हुए थे। इस भगदड़ में कई छात्राएं गिर गईं, जिससे कइयों को चोट पहुंची है। इसमें घायल तीन लड़कियों को जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया है।

हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और बरेली की पूर्व मेयर सुप्रिया आरोन ने कहा, ‘चिंता की कोई बात नहीं है। जब वैष्णो देवी में भगदड़ हो सकती है, तो ये सिर्फ लड़कियां हैं। यह मानव स्वभाव है। लेकिन मैं माफी मांगना चाहता हूं।’शहर कोतवाली पुलिस भी मौके पर जांच करने पहुंची है। वहीं, लखनऊ में कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा राज्य सरकार द्वारा रची गई साजिश करार दिया। उप्र कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया, “मैराथन में कुछ लड़कियां घायल हो गई हैं, और हम आगे के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”

उप्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा, “यह भाजपा सरकार द्वारा रची गई साजिश थी। स्थानीय जिला प्रशासन को पता था कि मैराथन हो रही है, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया।” उन्होंने कहा कि यह स्थिति “स्थानीय प्रशासन की ओर से ढिलाई का नतीजा” है। उन्होंने कहा, “सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन ने सहयोग नहीं किया और पूरी घटना में भाजपा की साजिश नजर आ रही है।”