कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को हिजाब विवाद पर सुनवाई फिर से शुरू की, जिसे बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ 16 फरवरी को दोपहर 2:30 बजे फिर मामले की सुनवाई करेगी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने दक्षिण अफ्रीका से तुर्की तक का जिक्र किया। कहा कि हमारा सेक्युलरिज्म सकारात्मक है, न कि इन देशों की तरह नकारात्मक।

समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि मंगलवार को हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता देव दत्त कामत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील पेश की। हिजाब विवाद पर दक्षिण अफ्रीका की एक अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कामत ने कहा कि क्या दक्षिण भारत की रहने वाली हिंदू लड़की स्कूल में नाक की अंगूठी पहन सकती है। वकील ने तर्क दिया, “यह मामला वर्दी के बारे में नहीं है, बल्कि मौजूदा वर्दी को छूट का है।”

देवदत्त कामत ने सुनवाई के दौरान कहा कि दक्षिण अफ्रीका के फैसले में यह भी कहा गया है कि अगर अन्य शिक्षार्थी हैं जो अब तक अपने धर्मों या संस्कृतियों को व्यक्त करने से डरते थे और जिन्हें अब ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, तो यह जश्न मनाने की बात है, डरने की नहीं। कामत ने आगे कहा कि हमारा संविधान सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता का पालन करता है, न कि तुर्की धर्मनिरपेक्षता की तरह जो नकारात्मक धर्मनिरपेक्षता है। हमारी धर्मनिरपेक्षता सुनिश्चित करती है कि सभी के धार्मिक अधिकार सुरक्षित रहें।

याचिकाकर्ता रेशम की ओर से अधिवक्ता रविवर्मा कुमार ने भी कोर्ट में अपनी दलील शुरू की। हालांकि इस बीच कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई कल दोपहर ढाई बजे तक स्थगित कर दी है। बुधवार को याचिकाकर्ता रेशम की ओर से अधिवक्ता रविवर्मा कुमार की दलील से सुनवाई शुरू की जाएगी।