तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के 108 नगर निकायों के चुनावों में 102 नगरपालिकाओं पर जीत हासिल की है। विधानसभा चुनावों में पहली बार 77 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।

अधिकारी के गढ़ में भी भाजपा साफ

विधानसभा चुनावों से पहले टीएमसी छोड़कर भाजपा में गए सुवेंदु अधिकारी भी अपने गढ़ को नहीं बचा पाए। नंदीग्राम सीट से सीएम ममता बनर्जी को हराने वाले सुवेंदु अधिकारी अपनी कांठी नगर पालिका पर भाजपा को जीत नहीं दिला पाए। चाहे वह कांठी नगर पालिका हो, जहां विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और उनके परिवार ने दशकों तक राजनीतिक प्रभुत्व बनाए रखा या मुर्शिदाबाद में बेहरामपुर नगर पालिका हो, जहां कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी का झंडा ऊंचा रखा, तृणमूल कांग्रेस बिना किसी प्रतिरोध के जीत गई।

एक निकाय में वाम मोर्चा को जबकि एक पर अन्य को जीत मिली है। चार नगर निकायों में, कोई स्पष्ट विजेता घोषित नहीं हो पाया है। और परिणामों ने त्रिशंकु नगरपालिका बोर्ड का संकेत दिया। नगर पालिकाओं के चुनाव 27 फरवरी को हुए थे और नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए।

दार्जिलिंग नगर पालिका में परिणाम सभी के लिए चौंकाने वाले रहे। यहां एक नई स्थापित ‘हमरो पार्टी’ ने सबसे अधिक वार्ड जीते। वाम मोर्चा नदिया जिले के ताहेरपुर अधिसूचित क्षेत्र में जीत हासिल करने में सफल रहा। दार्जिलिंग के नतीजों पर भी ममता बनर्जी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “दार्जिलिंग में, मुझे खुशी है कि लोकतंत्र पुनर्जीवित हुआ है। चुनाव लड़ने वाली पांच पार्टियों से हमारे अच्छे संबंध हैं। हम जल्द ही जीटीए (गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन) चुनाव कराएंगे। यह शानदार जीत हमें लोगों के लिए और अधिक काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है।”

नतीजे बताते हैं कि 31 नगर निकायों में सभी नगर निगम के वार्ड टीएमसी प्रत्याशियों के खाते में गए हैं। आठ अन्य नगर पालिकाओं में, पार्टी के उम्मीदवारों व निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने वाले टीएमसी के असंतुष्टों ने सभी वार्डों में जीत हासिल की।

निकाय चुनाव चुनावी कदाचार और हिंसा के व्यापक आरोपों के तहत आयोजित किया गया था। भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस ने चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को 1,000 से अधिक शिकायतें सौंपी थीं।

खबर लिखे जाने तक 2,171 नगरपालिका वार्डों में से टीएमसी उम्मीदवारों 1,728 वार्डों में जीत हासिल की व आगे चल रहे थे। वहीं भाजपा 65 वार्डों में आगे चल रही थी, वाम मोर्चा 59 वार्डों में आगे चल रहा था। करीब 57 नगरपालिका वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशी जीते या आगे चल रहे थे। निर्दलीय उम्मीदवार, ज्यादातर टीएमसी के असंतुष्ट, 113 वार्डों में जीते या आगे चल रहे थे।

भाजपा का वोट शेयर गिरा

चुनावों में भाजपा के वोट शेयर में गिरावट का संकेत मिलता है, जो कि 2021 के विधानसभा चुनावों में 38% वोट हासिल किया था। वाम और कांग्रेस ने 2021 में अपने निराशाजनक प्रदर्शन की तुलना में कुछ आधार हासिल किया। तब वे एक भी सीट जीतने में विफल रहे थे। भाजपा 2016 से मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है और नगर निकाय के नतीजे बताते हैं कि उसका वोट प्रतिशत कम हो रहा है और वामपंथी दल मजबूत हो रहे हैं। भाजपा, जिसने 2021 में उत्तर बंगाल में कई विधानसभा सीटें जीती थीं, इस क्षेत्र में एक भी नगर निकाय जीतने में विफल रही।

ममता ने दी बधाई

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में हुए निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत दिलाने के लिए बुधवार को लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने इसके साथ ही, जीतने वाले प्रत्याशियों और समर्थकों से विनम्रता के साथ काम करने को कहा। बनर्जी ने ट्वीट किया, हमें एक बार फिर शानदार जनादेश देने के लिए मैं हृदय से मां-माटी-मानुष के प्रति आभार व्यक्त करती हूं। निकाय चुनाव में जीतने वाले अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को बधाई।’’ उन्होंने कहा जीत ने हमारी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता को बढ़ा दिया है। जीत को विनम्रता से लें और विनम्र हो कर काम करें। आइये, मिलकर राज्य में शांति, समृद्धि और विकास के लिए कार्य करें। जय बंगाल।