स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद की 36 सीटों के चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज की है। भाजपा के खाते में 36 में से 33 सीटें आई हैं। भाजपा को विधान परिषद में पूर्ण बहुमत मिला है। विधान परिषद की 9 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। समाजवादी पार्टी चुनाव में मुकाबले में ही नहीं दिखी। सपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है। मंगलवार को 27 सीटों पर नतीजे आए, इनमें से 24 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया है। समाजवादी पार्टी के गढ़ आजमगढ़ में निर्दलीय विक्रांत सिंह ने जीत हासिल की है। जबकि भारतीय जनता पार्टी के गढ़ में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। वाराणसी से निर्दलीय अन्नपूर्णा सिंह चुनाव जीती हैं। वहीं, प्रतापगढ़ में राजा भैया का जलवा बरकरार है। उनके करीबी अक्षय प्रताप सिंह 5वीं बार एमएलसी बने हैं।
सपा-भाजपा को पटखनी देकर निर्दल विक्रांत सिंह रिशु ने मारी बाजी
आजमगढ़ जनपद में एमएलसी चुनाव की मतगणना का कार्य पूरा हो गया है। मतगणना में निर्दल प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशु ने भाजपा के अरूण कांत यादव को हराकर जीत दर्ज की है। उनकी जीत से उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। जनपद में एमएलसी चुनाव को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर विराम लग गया। मंगलवार को एफसीआई गोदाम में सुबह आठ बजे मतगणना का कार्य शुरू हुआ। तीन घंटे में ही मतणना का कार्य पूरा कर लिया गया। मतगणना में निर्दल प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशु ने भाजपा के अरुण कांत यादव को पटखनी देकर इस सीट पर कब्जा जमाया। मतगणना में विक्रांत सिंह रिशु 4075 मत प्राप्त हुए। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के अरूण कांत यादव को 1262 और सपा के राकेश यादव को 356 मत प्राप्त हुए। इस प्रकार विक्रांत सिंह रिशु 2813 मतों से विजयी घोषित किए गए।
अक्षय प्रताप सिंह पांचवी बार एमएलसी बने
प्रतापगढ़ में राजा भइया का जलवा कायम है। अक्षय प्रताप सिंह 5वीं बार एमएलसी बने हैं। अक्षय प्रताप सिंह 1106 मतों से विजयी हुए हैं। उन्हें कुल 1720 मत मिले। भाजपा के हरी प्रताप सिंह को 614 वोट प्राप्त हुए। सपा के विजय बहादुर यादव 380 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इनवैलिड मतों की संख्या 62 रही, वहीं जनसत्ता दल के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश नाथ ओझा 14 को वोट मिले। इनके अलावा अक्षय प्रताप सिंह की पत्नी मधुरिमा सिंह को 5 मत मिले।
वाराणसी में निर्दलीय की जीत
वाराणसी में एक बार फिर से बृजेश सिंह का दबदबा क़ायम रहा। एमएलसी चुनाव में उनकी पत्नी अन्नपूर्णा ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। यहां भाजपा को तीसरा स्थान मिला। अंतिम चक्र की मतगणना में सपा के उमेश यादव को 345, भाजपा के डॉ सुदामा पटेल को 170 वोट मिले। वहीं, निर्दलीय अन्न पूर्णा सिंह ने 4234 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। इसमें 127 कुल निरस्त मतपत्र मिले।
बता दें कि 24 वर्ष से बनारस की इस सीट पर केंद्रीय जेल में बंद बृजेश सिंह या उनके परिवार का ही कब्जा रहा है। निवर्तमान एमएलसी बृजेश सिंह के बड़े भाई उदयभान सिंह उर्फ चुलबुल सिंह एमएलसी सीट पर 1998 में एमएलसी बने। दो बार एमएलसी चुने गए और पंचायत चुनाव में उनका दबदबा जगजाहिर ही है। इसके बाद 2010 में बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह बसपा के टिकट से इस सीट पर एमएलसी बनी। इसके बाद वर्ष 2016 में बृजेश सिंह मैदान में उतरे तो भाजपा ने उन्हें समर्थन दिया और उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा।