पीलीभीत, जेएनएन। सांसद वरुण गांधी ने 8 मई को होने वाली बीपीएससी (बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन) द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक हो जाने के मामले को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने मंगलवार को सुबह ट्वीटर पर लिखा कि बीपीएससी में हुई धांधली से छह लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। निष्पक्ष जांच मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी, परीक्षा की तारीख पर संशय एवं बीपीएससी चेयरमैन की बर्खास्तगी जैसे कई मुद्दे हैं। जिन पर तत्काल कार्रवाई न्याय के साथ विकास की अवधारणा को मजबूती देगी।
सांसद ने इस मामले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा है। उन्होंने उस पत्र को भी ट्वीटर पर साझा किया है। इस पत्र में सांसद वरुण गांधी ने लिखा कि आठ मई को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक होने की वजह से रद कर दी गई थी। भ्रष्ट तंत्र एवं आयोग के अंदर स्वार्थी व भ्रष्टाचारी तत्वों की मिलीभगत से लगभग छह लाख अभ्यर्थियों का परिश्रम एवं मूल्यवान समय व्यर्थ चला गया। इससे न सिर्फ अभ्यर्थियों के मनोबल को गहरा आघात लगा है बल्कि लाखों परीक्षार्थियों का भविष्य भी अधर में लटक गया है। कई अभ्यर्थियों ने विभिन्न माध्यमों से उनके भी संपर्क किया है। उन्होंने स्वयं उनसे बात की है और उनकी व्यथा इस पत्र के माध्यम से आप तक पहुंचाने का माध्यम बन रहा हूं।
सांसद ने अपने पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री जी, लाखों परिश्रमी युवा अभ्यर्थी प्रदेश के दूर दराज से परीक्षा देने अलग-अलग केंद्रों पर पहुंचे थे। आर्थिक संकट से जूझ रहे कई अभ्यर्थियों ने सड़कों पर रातें गुजारीं। इस उम्मीद में कि परीक्षा निकट भविष्य में पुन: ली जाएगी। पत्र में कहा गया कि बिहार सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी ने आनन फानन में जांच कर इस कांड में सम्मिलित कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की, मगर अभी तक सफेदपोश नकल माफिया का बेनकाब होना बाकी है, जो इस कृत्य के सूत्रधार हैं।