प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अगले डेढ़ वर्षों में 10 लाख सरकारी नौकरियों में भर्ती की घोषणा की है। प्रधानमंत्री की इसी घोषणा पर विपक्षी सवाल खड़ा कर रहे हैं। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी सवाल उठाए हैं।

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से अगले डेढ़ वर्ष में मिशन मोड में 10 लाख सरकारी पदों पर भर्तियां करने के निर्देश दिए जाने पर सवाल उठाया है। यह कहते हुए कि यह कहीं नया चुनावी छलावा तो नहीं है?

प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों और विभागों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा करने के बाद सरकार को अगले डेढ़ वर्ष में मिशन मोड में 10 लाख पदों पर भर्तियां करने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर इसकी जानकारी दिये जाने के बाद मायावती ने भी ट्वीट कर इस पर सवाल खड़ा किया।

अपने ट्वीट में बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि केंद्र की गलत नीतियों व कार्यशैली के कारण गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी व रुपये का अवमूल्यन आदि अपने चरम पर हैं। इनसे सभी लोग त्रस्त और बेचैन हैं। तब केंद्र ने अब अगले डेढ़ वर्ष में अर्थात लोक सभा आम चुनाव से पहले 10 लाख भर्ती की घोषणा की है जो यह कहीं नया चुनावी छलावा तो नहीं है?

अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के इससे कई गुणा अधिक सरकारी पद वर्षों से खाली पड़े हैं। बसपा इन पदों को विशेष अभियान चलाकर भरने की मांग संसद के अंदर और बाहर लगातार करती रही है। इन पदों पर भर्तियों के बारे में सरकार चुप है जबकि यह समाज गरीबी व बेरोजगारी आदि से सर्वाधिक दुखी व पीड़ित है।