मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बावजूद अधिकारी सांसदों और विधायकों के प्रति शिष्टाचार और वांछित प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं, जबकि इस संदर्भ में पूर्व में कई शासनादेश जारी किए जा चुके हैं। इसलिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को अधिकारियों को सांसदों और विधानमंडल सदस्यों के प्रति शिष्टाचार का पाठ पढ़ाने के लिए फिर से सभी विभागों के शीर्ष अधिकारियों को शासनादेश जारी करना पड़ा है।

मंगलवार को जारी शासनादेश में मुख्य सचिव ने पूर्व में जारी शासनादेशों का हवाला देते हुए जनप्रतिनिधियों के प्रति शिष्टाचार और अनुमन्य प्रोटोकाल का पालन करने के साथ यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों का फोन आने पर उसे रिसीव करें। यदि वे बैठक में हैं या अनुपलब्ध हैं तो फोन काल की जानकारी होने के बाद प्राथमिकता पर जनप्रतिनिधि को फोन करेंगे। शासन ने शासकीय कार्यों के त्वरित निस्तारण के लिए सीयूजी फोन की सुविधा भी उपलब्ध कराई है।

इसके बाद भी शासन की जानकारी में आया है कि कई अधिकारी जनप्रतिनिधियों के प्रति शिष्टाचार और प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने विभागों के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने अधीन सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दें कि जनप्रतिनिधियों के प्रति शिष्टाचार और प्रोटोकाल का पालन करें। यह भी कहा है कि जनप्रतिनिधियों का फोन तत्काल रिसीव करें और बैठक में होने या अन्य किसी वजह से यदि ऐसा नहीं कर पाते हैं तो बाद में प्राथमिकता के आधार पर उन्हें फोन मिलाकर उनसे बात करें। बता दें कि सीएम योगी कई बार निर्देश दे चुके हैं कि अधिकारी जनप्रतिनिधि का फोन उठाएं और उनकी समस्याओं का तत्काल निदान करें।