रायबरेली जिले में 33 हजार 936 ऐसे किसान हैं, जो दस्तावेजों में मृत होने के बाद भी पीएम सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। कृषि निदेशालय लखनऊ से भेजी गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। निदेशालय की तरफ से भेजी गई सूची के आधार पर कृषि विभाग जिले की छह तहसीलों के उपजिलाधिकारियों को पत्र भेजकर मृतक किसानों का सत्यापन कराने के लिए कहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। योजना के तहत साल में हर किसान के खाते में छह-छह हजार रुपये भेजे जा रहे हैं। जून माह में कृषि निदेशालय से उप कृषि निदेशक कार्यालय को उन किसानों की सूची भेजी है, जो पीएम सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं, लेकिन उनकी मौत हो चुकी है।

निदेशालय के पत्र पर कृषि विभाग ने सलोन, लालगंज, रायबरेली, डलमऊ, ऊंचाहार, महराजगंज तहसील के उपजिलाधिकारियों को मृतक किसानों की सूची देकर सत्यापन कार्य कराने के लिए कहा है। अफसर बताते हैं कि तहसील के सत्यापन के बाद ही पता चल पाएगा कि किस मृतक किसान ने कितनी पीएम सम्मान निधि का लाभ लिया।

यह पता चलने पर संबंधित पैसे की वसूली उनके परिजनों से कराई जाएगी। बताते हैं कि सिर्फ रायबरेली ही नहीं, बल्कि प्रदेश के सभी जिलों में निदेशालय की तरफ से मृतक किसानों की सूची भेजकर जांच कराने के लिए कहा गया है। जाहिर है कि पीएम सम्मान निधि का लाभ लेने में भी मानकों को ताक पर रखा जा रहा है।

इनकम टैक्स वालों से आठ लाख की वसूली

जिले के तीन हजार ऐसे लोग हैं, जो इनकम टैक्स देने के बाद भी पीएम सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे। मामला पकड़ में आने के बाद इनकम टैक्स वालों से वसूली की जा रही है। अब तक विभाग की तरफ से आठ लाख की वसूली की जा चुकी है। शेष लोगों से भी वसूली कराई जा रही है। जिला कृषि अधिकारी-प्रभारी उप कृषि निदेशक रविचंद्र प्रकाश का कहना है कि कृषि निदेशालय लखनऊ की तरफ से 33 हजार 936 मृतक किसानों की जो सूची यहां पर भेजी गई है, वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी थे। सभी तहसील के एसडीएम को मृतक किसानों की सूची भेजकर उनका सत्यापन कराने के लिए कहा गया है। सत्यापन के बाद ही पता चल पाएगा कि किस किसान की कब मौत हुई और उनके खाते में पीएम सम्मान निधि की कितनी धनराशि पहुंची। मरने के बाद भी किसी किसान ने योजना का लाभ लिया है तो उस धनराशि की वसूली उनके परिजनों से कराई जाएगी।