मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोकभवन में आयोजित वृहद ऋण मेला के अंतर्गत 1.90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया। इस मौके पर उन्होंने वर्ष 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना का शुभारम्भ भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने एलान किया कि प्रदेश सरकार छोटे उद्यमियों की मदद तो कर रही रही है। हम जल्दी ही एक ऐसी योजना लेकर आ रहे हैं जिसमें कि हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी, रोजगार या स्वत: रोजगार से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) क्षेत्र को बढ़ाने के लिए राज्य के पास धन की कमी नहीं थी। नीयत की कमी थी। देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत से अधिक थी।
2017 में भाजपा सरकार आने के बाद हमने एक जनपद एक उत्पाद की घोषणा की जिसने निर्यात में बड़ी भूमिका निभाई। ऐसे निर्णयों के कारण आज यूपी निर्यात हब के रूप में विकसित हो रहा है। जहां 2016 तक यूपी का निर्यात 80 हजार करोड़ रुपये का था वो अब एक लाख 56 हजार करोड़ वार्षिक का हो चुका है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हुआ। इससे प्रदेश की बेरोजगारी दर तीन प्रतिशत से भी नीचे लाने में सफलता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना काल में भी यूपी पहला राज्य था जहां से लोन मेला की शुरुआत हुई थी। प्रदेश के उद्यमियों को प्रशासन और सरकार की मदद मिली तो इससे उद्यमियों को भी लगने लगा कि वह अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं और रोजगार के अवसर बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमारे देश का नौजवान नौकरी मांगने वाला नहीं देने वाला होना चाहिए। एमएसएमई सेक्टर ने ऐसे नौजवानों को बढ़ावा दिया है। एक जिला एक उत्पाद योजना अपने आप में एक मिसाल है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ की वार्षिक ऋण योजना का भी शुभारंभ हो रहा है जिससे कि प्रदेश के उद्यमियों और हस्तशिल्पियों की मदद की जा सके और प्रदेश को आर्थिक रूप से विकसित बनाया जा सके।