देश के छोटे से राज्य गोवा की राजनीति आम आदमी पार्टी (आप) के लिए सुनहरा मौका बनकर सामने आया है। आगामी पंचायती चुनाव को आप बड़े मौके के रूप में देख रही है। पंजाब से सीख लेकर अब अरविंद केजरीवाल जानते हैं कि किसी राज्य को जीतने के लिए लोगों का विश्वास हासिल करना सबसे जरूरी है। इस नीति का पालन करते हुए आप ने सभी प्रमुख नेताओं को हराकर पंजाब का किला फतह किया था। दूसरी ओर कांग्रेस अभी भी अंतर्कलह से जूझ रही है। एक रिपोर्ट सामने आई है कि गोवा में कांग्रेस के करीब आठ विधायकों ने भाजपा में जाने की इच्छा जताई है। आप को लगता है कि उसके पास मुख्य विपक्ष बनने का इससे अच्छा सुनहरा मौका फिर नहीं आएगा।

कुछ साल पहले तक, राजनेता और भारत के टिप्पणीकारों का एक वर्ग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को देश की राजनीतिक पार्टी के रूप में कम आंकता था। लेकिन पंजाब विधानसभा चुनावों में शानदार जीत और इस साल गोवा विधानसभा में दो सीटें जीतने के साथ आप ने साबित कर दिया है कि वह देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाली राजनीतिक शुरुआत कर चुकी है।

गोवा में राजनीतिक दलबदल का एक उल्लेखनीय इतिहास रहा है। उदाहरण के लिए, राज्य की पिछली विधानसभा में विधायक के रूप में अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान, उनमें से 50% ने पार्टियां बदली। गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक माइकल लोबो, जो कथित तौर पर भाजपा में दलबदल की साजिश रच रहे थे, चुनाव से ठीक पहले भगवा पार्टी में चले गए।

गोवा में आप की ‘नीति’ की तारीफ

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस जैसे राजनीतिक समूह कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और अन्य सहित सभी दलों को तोड़ने में लगे हैं। विधानसभा चुनावों के दौरान भी कांग्रेस और भाजपा दोनों ने भी यही काम किया था। यहां यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आप ने गोवा की आक्रामक राजनीतिक शिकार की राजनीति से परहेज किया है। हालांकि आप के कुछ उम्मीदवार अन्य दलों से शामिल हुए हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने नए और जमीनी स्तर के राजनेताओं पर जोर दिया। जहां टीएमसी ने पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता लुइज़िन्हो फलेरियो को अपने पाले में लिया, वहीं आप ने राज्य में नवागंतुक अमित पालेकर को अपना सीएम चेहरा बनाया। इन इशारों ने आप को नागरिकों के सामने विश्वसनीय बनने में मदद की है।

पंजाब से मिला सबक?

आप इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। लेकिन पंजाब से पार्टी ने महसूस किया है कि जमीन पर मौजूद रहना और लोगों के लिए काम करते रहना जरूरी है। यह किसी भी राज्य में पार्टी के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस समय, गोवा आप के लिए सबसे अच्छा संभव विकल्प है क्योंकि इसमें चुनावी उपस्थिति और जमीनी संपर्क दोनों हैं।

कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं

इस बीच, कांग्रेस की स्थिति पूरे देश में अच्छी नहीं है। हर दूसरे राज्य में पार्टी का पतन हो रहा है। एक तरफ, पार्टी के राज्य नेतृत्व के भीतर असंतोष बढ़ रहा है और दूसरी तरफ, कई राज्यों में लोगों ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को भाजपा में शामिल होते देखा जा सकता है। गोवा में भी कांग्रेसी नेताओं में असंतोष लगातार सामने आ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के आठ विधायकों ने भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई है।