सरकार को ‘लश्कर-ए-खालसा’ नाम के एक नए आतंकी संगठन के बारे में खुफिया जानकारी मिली है। यह आतंकी संगठन स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले या उसके दौरान राष्ट्रीय राजधानी और जम्मू-कश्मीर में भी हमले शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके बारे में कहा जाता है कि इसे पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई ने बनाया है। इसके पीछे कई अन्य आतंकी संगठन भी जुड़े हुए हैं।
द ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि आतंकी संगठन को लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने केंद्र सरकार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। यह रिपोर्ट बताती है कि लश्कर-ए-खालसा को विशेष रूप से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने आईएसआई के सक्रिय समर्थन से भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए बनाया है।
सूत्रों के मुताबिक, आईबी ने अपनी 10 पन्नों की रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। इसमें नए आतंकी संगठन के पूरे कामकाज का ब्यौरा दिया गया है। खूफिया एजेंसी ने कहा कि इस आतंकी संगठन को हाल ही बनाया गया है और इसमें अफगान लड़ाके भी शामिल हैं। रिपोर्ट में राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में हिंसक घटनाओं का जिक्र किया गया है। इन घटनाओं का जिक्र यह दिखाने के लिए किया गया है कि कैसे कट्टरपंथी समूह सक्रिय हैं, जो दंगा जैसी स्थिति पैदा कर सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि आईबी ने अपनी रिपोर्ट में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या का भी उल्लेख किया है। आबे को हाल ही में एक बंदूकधारी ने पीछे से एक हमला कर मार डाला था। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को कार्यक्रमों के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराएंगे। सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट में आईबी ने यह भी चेतावनी दी है कि लश्कर-ए-खालसा अफगानिस्तान और सूडान के नागरिकों पर हमला कर सकता है, जो वर्तमान में भारत में रह रहे हैं।
इससे पहले भी जब जेल में रहने के दौरान आजम खान और अखिलेश के बीच दूरियां बनीं तो यह अस्पताल में ही पहली बार दोनों की मुलाकात हुई थी। आजम खान से मिलने अखिलेश यादव दिल्ली के गंगा राम अस्पताल पहुंचे थे।