पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से देश में मुफ्त चीजें बांटने जैसी स्कीमों को गलत बताया है। हरियाणा के पानीपत में एथेनॉल प्लांट के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि रेवड़ी कल्चर देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के विकास के लिए यह जरूरी है कि सरकार के पैसा हो और तभी वह निवेश कर सकेगी। भले ही उन्होंने किसी का जिक्र नहीं किया, लेकिन पीएम मोदी की टिप्पणी को आम आदमी पार्टी पर हमला माना जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों की राजनीति आत्मकेंद्रित है, वे आकर किसी दिन पेट्रोल और डीजल भी मुफ्त बांटने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसे कदम देश के बच्चों का भविष्य छीन लेंगे।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसी स्वार्थ भरी नीतियों से देश के ईमानदार टैक्सपेयर का बोझ भी बढ़ता ही जाएगा। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसे ऐलान करने वाले कभी नई तकनीक पर निवेश नहीं करेंगे। वे किसानों से झूठे वादे करेंगे, लेकिन उनकी आय बढ़ाने के लिए कभी एथेनॉल के प्लांट नहीं लगाएंगे। वे बढ़ते प्रदूषण पर हवाई बातें करते रहेंगे, लेकिन समाधान से दूर भागेंगे। यह नीति नहीं बल्कि अनीति है। देश के सामने जो चुनौतियां हैं, उनसे निपटने के लिए साफ नीयत चाहिए और नीति चाहिए। इसके लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करनी पड़ती है। सरकार को बहुत सारी राशि निवेश करनी पड़ती है।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों में राजनीतिक स्वार्थ अपनाने के लिए शॉर्ट कट अपनाने और समस्याओं को टालने की प्रवृत्ति होती है, वे कभी समाधान नहीं कर सकते। ऐसे लोगों को भले ही कुछ वक्त के लिए वाहवाही मिल जाए, लेकिन कामयाबी नहीं मिलती। शॉर्ट कट से शॉर्ट सर्किट हो जाता है। हमारी सरकार समस्याओं के स्थायी समाधान में जुटी है। पराली की समस्या को लेकर बहुत कुछ कहा गया था, लेकिन शॉर्ट कट वाले कभी इसका समाधान नहीं कर पाए। हम किसानों की समस्या समझते हैं, इसलिए हम उनकी मदद कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत में जैविक ईंधन प्लांट के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही।

सरकार के पास धन ही नहीं होगा तो कैसे करेंगे विकास

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार के पास जब धन ही नहीं होगा तो फिर वह कैसे बड़े-बड़े प्लांट लगाएगी। हमें यह याद रखना है कि हम रहें या न रहें, यह राष्ट्र तो हमेशा रहेगा। सदियों से रहता आया है और सदियों तक रहेगा। उसकी संतानें भी हमेशा रहेंगी। हमें भावी संतानों को बर्बाद करने का हक नहीं है।