जमीन के बदले नौकरी के मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं। खबर है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी CBI के पास यादव के खिलाफ ‘मजबूत सबूत’ हैं। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि सीबीआई उम्मीदवारों की जानकारी जुटाने के लिए रेलवे को पत्र लिख सकती है।

न्यूज18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि जांच एजेंसी के पास एक हार्ड डिस्क है, जिसमें 1 हजार 458 उम्मीदवारों की सूची है। सूत्रों ने कहा कि इन उम्मीदवारों ने कथित तौर पर नौकरी के बदले यादवों को अपनी जमीन दी थी। उन्होंने बताया कि सूची लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी ने तैयार की थी। बीते महीने सीबीआई ने रेड के दौरान डिस्क जब्त की थी, जिसके बाद यह खुलासा हुआ था।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन 1 हजार 459 मामले में से 16 का सत्यापन हो चुका है और अब तक सीबीआई की जांच में यह सही साबित हुई है। इन उम्मीदवारों की जानकारी जुटाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी जल्दी रेलवे को पत्र लिख सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि जांच के अगले चरण में एजेंसी रेलवे कर्मचारियों के गलत कामों को भी देखेंगी और किसी मौके पर तेजस्वी यादव को भी गिरफ्तार किया जा सकता है, क्योंकि उनके खिलाफ मिले सबूत ‘काफी मजबूत’ हों।

सीबीआई ने अपनी FIR में आरोप लगाए हैं कि पटना के रहने वाले उन उम्मीदवारों ने अपने या परिवार के सदस्यों के जरिए लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के पक्ष में पटना स्थिति जमीन बेच दी या गिफ्ट दे दी। FIR में आगे कहा गया, ‘जांच में पता चला है कि लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों की तरफ से पटना स्थित 1 लाख 5 हजार 292 स्क्वायर फीट जमीन अधिग्रहित की गई थी। जमीन हंस्तांतरण के अधिकांश मामलों में भुगतान नकदी में दिखाया गया था। मौजूदा सर्किल रेट के अनुसार, गिफ्ट डीड के जरिए अधिग्रहित की गई भूमि समेत मौजूद जमीन के हिस्सों की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपये है।’