यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रामपुर को दी गई 72 करोड़ रुपये की सौगात पर सपा विधायक आजम खां ने सोमवार को सवाल उठाया है। मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने तो रामपुर की एक गली में 72 करोड़ रुपये से ज्यादा लगा दिए थे। उन्होंने कहा कि हमने हाथ में चाकू नहीं बल्कि कलम दी है। हमने शिक्षा विभाग की बिल्डिंगों पर कब्जा होने से बचाया है। मेरे द्वारा कराए गए विकास कार्य ही मेरे कर्मों की सजा हैं।

रामपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आजम का बिना नाम लिए जमकर निशाना साधा था। कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। योगी के वार पर सपा के शहर विधायक आजम खां ने पलटवार किया है। सपा कार्यालय में उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि हमारी सरकार में हमने 72 करोड़ रुपये से ज्यादा तो रामपुर की एक गली में लगवा दिए थे। मंच से हाथ में कागज लेकर बोलना अलग बात है।

कहा कि हमने हाथ में चाकू नहीं बल्कि, कलम दी है। चाकू थामने वाले हाथ बदल गए हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों के भवनों को कब्जाने के आरोप पर सफाई देते हुए कहा कि हमने शिक्षा विभाग की बिल्डिंग पर कब्जा होने से बचाया है। हमने वहां पर अय्याशी का अड्डा और शराब खाना नहीं खोला। हमारे स्कूल में गरीबों के बच्चे सीबीएसई की तर्ज पर पढ़ रहे हैं।

सपा विधायक ने कहा कि रामपुर में चार घंटे बिजली मिल रही है यही तो बदलाव आ रहा है। रामपुर कैसा था और कैसा हो गया। कहा कि ओरियंटल कालेज को अब से चालीस साल पहले बंद कर दिया था। वहां के प्रधानाचार्य ने लिखकर भेजा था कि अब इसकी कोई जरूरत नहीं है। हमने जो विकास कार्य कराए उसकी ही हमें सजा मिल रही है। पौने दो बीघा जमीन के लिए माफिया कहा गया। कहा कि कोरोनाकाल खत्म हो गया। सब कुछ सामान्य हो गया, लेकिन इसके बाद भी मेडिकल कालेज खोलने की अनुमति नहीं दी गई।