पुलिस स्‍मृति दिवस पर शहीदों को नमन करने के साथ ही सीएम योगी आदित्‍यनाथ कानून से खिलवाड़ करने वालों पर जमकर गरजे। उन्‍होंने कहा कि आज यूपी में कोई भी अपराधी स्वच्छंद नहीं, या तो जेल में है या फिर मारा गया। अपराध और अपराधियों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति और पुलिस की सक्रियता का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध समाप्त हो गया है। प्रदेश में महिलाएं- बालिकाएं, कमजोर वर्ग और व्यापारी आज सुकून से हैं। हर पर्व-त्योहार शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हो रहा है। समाज में समरसता है।

सीएम ने बताया कि यूपी में अलग-अलग मुठभेड़ों में 166 दुर्दांत अपराधी मारे जा चुके हैं। बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस की कोशिशों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए अब तक 44 अरब 59 करोड़ की संपत्ति जब्त अथवा ध्वस्त की गई है। ऐसी जमीनों पर अब बेटियों के लिए स्कूल या गरीबों के लिए घर बन रहे हैं। सीएम ने कहा कि 30 मार्च 2017 से 13 अक्टूबर 2022 तक प्रदेश भर 166 दुर्दांत अपराधी मारे गए। जबकि 4453 घायल हुए। 58,648 पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई और 807 पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई।

50 कुख्यात माफियाओं और उनके सदस्यों की लगभग 2268 करोड़ की संपत्ति जब्त अथवा ध्वस्त की गई। इसमें एक माफिया और उसके आठ साथी मुठभेड़ में मारे भी गए। 39 को आजीवन कारावास की सजा हुआ है तो अदालत में प्रभावी पैरवी के जरिए दो अपराधियों को फांसी की सजा भी दिलाई गई। इसी अवधि में हमारे 13 जवान शहीद भी हुए।

एक वर्ष में शहीद हुए सात पुलिसकर्मी

सीएम योगी ने बताया कि एक सितंबर 2021 से 31 अगस्त 2022 की अवधि में कर्तव्य की बेदी पर देश में 264 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए। इनमें उत्तर प्रदेश के 07 पुलिसकर्मी क्रमशः उपनिरीक्षक वीरेन्द्र नाथ मिश्रा, उपनिरीक्षक कादिर खां, मुख्य आरक्षी मुनील कुमार चौबे, आरक्षी सर्वेश कुमार, आरक्षी सुमित कुमार, आरक्षी ललित कुमार और आरक्षी मनीष कुमार शामिल हैं।

उन्‍होंने कहा कि कर्तव्य पालन में आत्म बलिदान करने वाले इन वीरों के पराक्रम से प्रदेश का सम्पूर्ण पुलिस बल गौरवान्वित है। इन वीर पुलिस कर्मियों का त्याग और बलिदान देशभक्ति का अद्वितीय उदाहरण बनकर हमारी भावी पीढ़ी को सदैव कर्तव्य परायणता के मार्ग पर निर्भीकता के साथ अनुगमन की प्रेरणा देता रहेगा। हमारे पुलिस कर्मियों का यह बलिदान उनकी सच्ची समर्पण भावना और कर्तव्य परायणता का प्रतीक है और कर्तव्यनिष्ठा एवं जनसेवा के प्रति उनकी संकल्पबद्धता को दर्शाता है।