जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर से ऋषि सुनक का हवाला देते हुए भारत में सेक्युलरिज्म खत्म होने की बात कही है। महबूबा ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘भाजपा ने देश के संविधान को कुचल दिया है।’ यही नहीं उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले देश में सेक्युलरिज्म था, जो अब खत्म हो गया है। इससे पहले हमारे पास मुस्लिम राष्ट्रपति था और सिख पीएम था, लेकिन जब से नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली है, तभी से स्थिति बिगड़ गई है। अब देश में मुसलमानों और दलितों को टारगेट करके लिंच किया जा रहा है।
महबूबा ने कहा कि हम नहीं चाहते कि इस देश में गोडसे और गुजरात मॉडल लागू हो। जम्मू-कश्मीर में विलय दिवस की छुट्टी को लेकर भी महबूबा ने हमला बोला। आज जम्मू-कश्मीर का भारत से जो रिश्ता बना दिया गया है, वह अवैध है। हम वही भारत चाहते हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर को 1947 में शामिल किया गया था। हमें आज का गोडसे-गुजरात मॉडल नहीं चाहिए। जम्मू-कश्मीर के विलय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए महबूबा ने कहा, ‘भारत में जम्मू-कश्मीर के विलय का दस्तावेज यह बताता है कि किस आधार पर यह हुआ था। हमें इस दिन छुट्टी की जरूरत नहीं है। हम चाहते हैं कि बस उस समझौते का सही से पालन किया जाएगा।’
‘आर्टिकल 370 के बिना भारत से जम्मू-कश्मीर का रिश्ता अवैध’
हम वह समझौता लागू होते देखना चाहते हैं, जिसका वादा 1947 में विलय के दौरान किया गया था। महबूबा ने कहा कि हम भारत के लोगों को बताना चाहते हैं कि भारत के साथ हमारा विलय कुछ शर्तों के साथ हुआ था। उन शर्तों को 5 अगस्त, 2019 को खत्म कर दिया गया था। आर्टिकल 370 के खात्मे से उस समझौते को तोड़ दिया गया। यदि उस विलय के समझौते को स्वीकार किया जाए तो फिर आर्टिकल 370 हटाने का फैसला अवैध है। उस आधार पर तो जम्मू-कश्मीर के साथ भारत का रिश्ता भी अवैध हो जाता है।
‘हमने पाकिस्तान की बजाय दिया था भारत का साथ’
महबूबा ने कहा कि हमने भारत के साथ जाना पसंद किया था। पाकिस्तान की बजाय हम भारत के साथ गए। लेकिन आज हमारे संसाधनों और पहचान को ही नष्ट किया जा रहा है। यही नहीं उन्होंने कहा कि विलय पत्र में तय शर्तों को लागू नहीं किया जाता है तो फिर जम्मू-कश्मीर के साथ भारत का रिश्ता ही अवैध है।