सपा नेता मोहम्मद आजम खान के धुर विरोधी आकाश सक्सेना पर एक बार फिर भाजपा ने भरोसा जताया है। मंगलवार की सुबह उनके टिकट का ऐलान होते ही समर्थकों और भाजपाइयों में जश्न सा माहौल है।
सूबे की सियासत में मुस्लिम राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाने वाले सपा नेता मोहम्मद आजम खान पिछले दिनों सजायाफ्ता हो चुके हैं। नफरती बोल में तीन साल की सजा होने के बाद उनकी विधायकी चली गई, जिससे सीट खाली हो गई और अब इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है।
आजम खान को 27 माह तक सलाखों के पीछे रखवाने से लेकर सजा कराने तक में भाजपा युवा नेता आकाश सक्सेना का बड़ा हाथ रहा है। दो पैन कार्ड, दो पासपोर्ट, दो जन्म प्रमाण पत्र समेत कई मामलों में आकाश सक्सेना सीधे-सीधे मुकदमे में वादी हैं तो कई में कोर्ट में आजम और उनके परिवार पर चार्जफ्रेम कराने में मजबूत गवाही दे चुके हैं। जौहर विश्वविद्यालय से जमीनें छिनवाने में भी आकाश का ही हाथ रहा है, उन्होंने न सिर्फ शिकायतें कीं बल्कि, राजस्व परिषद तक केस के मुख्य निगरानीकर्ता रहे। आजम से आकाश की यह अदावत जगजाहिर है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इस बात को अच्छी तरह से जानता और समझता है। तभी तो आकाश सक्सेना पर कोई बड़ा पद न होते हुए भी वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। अब जब टिकट का नंबर आया तो आकाश सक्सेना पर ही पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने दोबारा भरोसा जताया है।
आजम के विरोध से शुरू हुआ सियासी सफर
आजम खान से लड़ते-लड़ते आकाश सक्सेना के सियासी सफर की शुरूआत ही शहर विधानसभा सीट से हुई। आकाश सक्सेना छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। बाद में कारोबार से जुड़े और अपनी फैक्ट्री खोल ली, जिसके बाद वह उद्योगपतियों के नेता बने और आईआईए के लंबे समय चेयरमैन रहे। बाद में उन्हें भापा ने पश्चिमी यूपी के लघु उद्योग प्रकोष्ठ का संयोजक बनाया। इसके बाद राजनीति की मुख्यधारा में आ गए। मालूम हो कि आठ माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने आजम के मुकाबले आकाश सक्सेना को लड़ाया था।