इलाहाबाद हाईकोर्ट से बाहुबली मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को विवादित बयान ‘हिसाब-किताब’ के मामले में राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने उन पर विवादित बयान पर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले में अपराध का खुलासा हो रहा है तो हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने अब्बास अंसारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया।
अब्बास अंसारी ने विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ में आयोजित सभा के दौरान अधिकारियों से हिसाब-किताब करने का बयान दिया था। मामले में अब्बास के खिलाफ आईपीसी की धारा 171-एफ, 506, 186, 189, 153-ए, 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मामले में पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया गया। विधायक ने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी।
याची की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने और सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने बहस की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कोर्ट ने 17 जनवरी को फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि चार्जशीट से अपराध का खुलासा हो रहा हो तो हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। साक्ष्यों पर ट्रायल में विचार किया जाएगा।
अब्बास अंसारी ने क्या कहा था