‘कट्टरवाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरा, उदारवादी मुस्लिम संगठनों को भरोसे में लेने की जरूरत’

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही संपन्न हुई पुलिस महानिदेशकों (DGP) की सुरक्षा बैठक में पेश किए गए नोट (पत्र) में कहा गया है कि कट्टरवाद (विशेष रूप से मुस्लिम युवाओं में) राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रमुख चुनौतियों में से एक है और कट्टरवादी संगठनों का मुकाबला करने के लिए उदारवादी मुस्लिम नेताओं और धर्म गुरुओं को विश्वास में लेने की जरूरत है।

    भारतीय पुलिस सेवा के कुछ अधिकारियों द्वारा लिखे गए नोट में कहा गया है कि भारत में धार्मिक कट्टरता का मुख्य कारण धार्मिक प्रथाओं में अति-विश्वास और संचार के आधुनिक साधनों की आसान उपलब्धता है, जिसमें सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान द्वारा इन कट्टरपंथी समूहों को प्रोत्साहित करना शामिल है।

    इस तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और देश के करीब 350 शीर्ष पुलिस अधिकारी शामिल हुए। पत्र में कहा गया है कि, विशेष रूप से मुस्लिम युवाओं में कट्टरता देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है। भारत में कई कट्टरवादी मुस्लिम संगठन सक्रिय हैं, जो मुस्लिम युवाओं को कट्टरवादी बनाने में लिप्त हैं। इन संगठनों में मुस्लिम समुदाय को उकसाने की प्रवृत्ति होती है और उन्हें हिंसक रास्ते पर धकेला जाता है।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here