आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। आज संसद से अंडमान तक नेताजी के पराक्रम का सम्मान हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान में ही पहला झंडा फहराया था। ये 21 द्वीप आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। पीएम ने कहा कि हमारे द्वीपों के नामों में गुलामी की छाप थी। स्वराज और शहीद नाम खुद नेताजी ने ही दिए थे। पीएम मोदी ने कहा कि जिस द्वीप पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस रहे थे वहां पर उनके जीवन और योगदानों को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक का अनावरण किया गया है।

“अंडमान की धरती पर पहली बार तिरंगा फहराया”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अंडमान की ये धरती वो धरती है जहां पहली बार तिरंगा फहराया गया था। जहां पहली बार स्वतंत्र भारत की सरकार बनी। आज नेताजी सुभाष बोस की जयंती है। देश इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाता है। वीर सावरकर और देश के लिए लड़ने वाले कई अन्य नायकों को अंडमान की इस भूमि में कैद कर दिया गया था। 4-5 साल पहले जब मैं पोर्ट ब्लेयर गया था, तब मैंने वहां के 3 मुख्य द्वीपों को भारतीय नाम समर्पित किए थे।” पीएम ने कहा कि आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महतपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे।

“द्वीपों के नामकरण में कई संदेश निहित”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं। जिन 21 द्वीपों को आज नए नाम मिल गए हैं, उनके नामकरण में कई संदेश निहित हैं। संदेश एक भारत, श्रेष्ठ भारत का है। यह संदेश हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से नेताजी के जीवन से जुड़ी फाइलों को सार्वजानिक करने की मांग हो रही थी, यह काम भी देश ने पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ाया। आज हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के सामने ‘कर्तव्य पथ’ पर नेताजी की भव्य प्रतिमा हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिला रही है।