प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के अपनी जिंदगी में हासिल करने के लिए अलग अलग आकांक्षाएं और लक्ष्य हैं। इनमें से कोई मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना चाहती है तो कोई विलुप्त होती नृत्य शैलियों को बचाना चाहती है तो किसी को जीव विज्ञान में शोध करना है। इस साल कुल 11 बाल पुरस्कार दिए गए हैं। इनमें से 6 लड़कों को और पांच लड़कियों को पुरस्कृत किया गया है। ये 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। प्रत्येक विजेता को एक पदक, एक लाख रुपये और प्रमाण पत्र दिया गया है।

जन्म से बोन डिसऑर्डर से ग्रसित हैं आदित्य

केरल के 15 वर्षीय आदित्य सुरेश हड्डी संबंधी विकार (बोन डिसऑर्डर) से पीड़ित है इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। वह बेहतरीन गायक है और एक स्थिर भविष्य के लिए सरकारी नौकरी भी करना चाहते हैं। उन्हें कला और संस्कृति के क्षेत्र में पुरस्कार मिला है। आदित्य ने चार साल की उम्र में ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था। परिवार और दोस्तों ने उसे प्रोत्साहित किया। अब तक वह 500 से ज्यादा इवेंट में परफॉर्म कर चुका हैं। संगीत से इन्होंने इतना लगाव रखा कि देश के प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी भी इनसे प्रभावित हुए।

प्रधानमंत्री मोदी ने आदित्य की तारीफ करते हुए कहा, “आदित्य सुरेश पर गर्व है, उन्होंने उल्लेखनीय साहस दिखाया है। उन्हें हड्डी की बीमारी का पता चला था लेकिन वह उन लोगों में से नहीं हैं जिनका मनोबल कम हो जाता है।उन्होंने गायन जारी रखा और अब एक प्रतिभाशाली गायक हैं। उन्होंने 500 से अधिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति दी है।”