कानपुर देहात में मैथा तहसील की मड़ौली ग्राम पंचायत के चालहा गांव में हुई सनसनीखेज घटना में नया मोड़ आ गया है। मृतक महिला के बेटे अंकित ने रूरा एसओ पर आग में झोंकने के प्रयास का आरोप लगाया है। घटना के बाद डीएम नेहा जैन ने मीडिया को बताया था कि कृष्ण गोपाल ने अतिक्रमण कर कमरा बनाया था।

शिकायत पर उसे हटा दिया गया। इसके बाद कृष्ण गोपाल ने वहीं पर झोपड़ी बना ली। इस पर एसडीएम मैथा को कार्रवाई के लिए कहा था। सामान हटाने के लिए महिला से कहा तो उन्होंने बेटी के साथ आग लगा ली। डीएम के इस बयान से ग्रामीणों में नाराजगी है। मौके पर पहुंचे प्रशासन के लोग भी यही बात बताते रहें, लेकिन प्रशासन की यह कहानी ग्रामीणों के गले नहीं उतरी।

कृष्ण गोपाल ने बेटे अंकित ने बताया कि कार्रवाई के दौरान लेखपाल से बचने के लिए मां ने घर का दरवाजा बंद कर लिया था। इसके बाद लेखपाल ने झोपड़ी में पीछे की तरफ से जाकर बहन और मां के ऊपर डीजल डालकर आग के हवाले कर दिया। इसी दौरान जेसीबी से झोपड़ी ढहा दी गई।

रूरा एसओ ने उन्हें भी आग में झोंकने का प्रयास किया था। आग से मां और बहन को बचा नहीं पाए, इसलिए सरकारी हैंडपंप को उखाड़ दिया गया। वहीं, घटना के बाद ग्रामीण भी एकजुट दिखाई दिए। सभी ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाएं और कार्रवाई की मांग की।

आपको बता दें कि कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में सोमवार की दोपहर को ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने ही झोपड़ी के भीतर मां-बेटी जिंदा जल गए। दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए। आक्रोशित लोगों ने आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। अफसरों की टीम को दौड़ा लिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के अन्य लोग भाग खड़े हुए। बाद में गुस्साए लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया।