रूस और यूक्रेन के बीच जंग को एक 24 फरवरी को एक साल पूरा हो जाएगा। लेकिन यह जंग अभी खत्म नहीं हुई है। बल्कि यह और घातक होती जा रही है। इसी बीच रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी हैं। रूस की ओर से एक के बाद एक 36 मिसाइलें दागी गई हैं। इसी बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि इन मिसाइलों में से 16 मिसाइलों को मार गिरा दिया गया है।

रूस द्वारा यूक्रेन पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। हालांकि यूक्रेन भी पीछे हटता नहीं दिखाई दे रहा है। यूक्रेन ने कई बार अहम मौकों पर पलटवार किया है। यूक्रेन को अमेरिका और नाटो देशों का समर्थन प्राप्त है। कई मौकों पर नाटो देशों और खुद अमेरिका ने बड़ी सैन्य मदद यूक्रेन को ​की है। इसी बीच रूस ने इस बात का हमेशा विरोध किया है कि नाटो के सदस्य देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। कई बार तो खुद पुतिन ने न्यूक्लियर अटैक तक की धमकी दे डाली।

उधर, रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा रेफ्रेंडम के बाद यूक्रेन के जिन चार क्षेत्रों दोनेत्स्क, लुहांस्क और खेरसॉन व जापोरिज्जिया को रूस में मिलाए जाने का ऐलान किए जाने के बाद पिछले वर्ष इसे अपने कब्जे में ले लिया था, धीरे-धीरे यूक्रेनी सेना फिर से इन क्षेत्रों पर लगभग नियंत्रण स्थापित कर लिया।

हालांकि अब रूस की सेना यूक्रेन के इन पूर्वी क्षेत्रों में फिर से हावी होने लगी है। इससे यूक्रेन के ये चारों महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर खतरा मंडराने लगा है। धीरे-धीरे रूस की सेना पूर्वी क्षेत्र में नियंत्रण स्थापित करती जा रही है। हालांकि यूक्रेनी सेना से उसे कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है।

यूक्रेन में करीब सालभर से रूस का आक्रमण जारी रहने के बावजूद रूसी सेना अब भी इसके पूर्वी हिस्से की रक्षा पंक्ति को भेदने के लिए जद्दोजहद कर रही है। यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने बुधवार को कहा कि रूसी तोपखाने, ड्रोन और मिसाइलें महीनों से यूक्रेन के कब्जे वाले पूर्वी क्षेत्रों में लगातार बमबारी कर तबाही मचा रहे हैं। सर्दियों का मौसम रहने के कारण संघर्ष धीमा हो गया था।

हालांकि, अधिकारियों और विश्लेषकों का मानना है लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ पिछले साल सितंबर में अवैध रूप से कब्जे वाले पूर्वी क्षेत्रों दोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहांस्क और जापोरिज्जिया को सुरक्षित करने का प्रयास कर रही है।