त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद बिपल्ब कुमार देब ने गोमती में अपना वोट डाला। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी चुनाव को छोटा या बड़ा नहीं देखते हैं। जनता सर्वोच्च है और उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने हमें 2018 में सत्ता दी और कोविड के बावजूद हमने राज्य के सभी क्षेत्रों में काम किया।’
पूर्व मुख्यमंत्री का भाजपा पर निशाना
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता माणिक सरकार ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘कहीं-कहीं भाजपा की ओर से असामाजिक तत्व परेशानी खड़ी कर रहे हैं और लोगों को निर्भय होकर वोट डालने से रोक रहे हैं। लेकिन जनता वोट डालने की पूरी कोशिश कर रही है। कुछ जगहों पर जहां मतदाताओं को मतदान करने की अनुमति नहीं है, वे सड़कों को अवरुद्ध कर रहे हैं और चुनाव आयोग से गुहार लगा रहे हैं कि अगर उन्हें वोट नहीं डालने दिया गया तो वे दूसरों को वोट नहीं डालने देंगे। यह एक सकारात्मक संकेत और एक दृढ़ प्रयास है। हमारे लोगों को जो जानकारी मिलती है उसकी सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दी जाती है। वह बेहद सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर क्या कार्रवाई की जाती है, इसकी और जांच करने की जरूरत है।
टिपरा मोथा प्रमुख का विवादित बयान
त्रिपुरा में नई राजनीतिक पार्टी शुरू करने वाले टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि केवल उनकी पार्टी (टिपरा मोथा) ही सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। अगर उनकी पार्टी त्रिपुरा चुनावों में स्पष्ट बहुमत हासिल करने में विफल रहती है तो वह बीजेपी विधायकों को “खरीदने” के बारे में सोच रहे हैं।
देबबर्मा ने कहा कि अगर हमें यानी टिपरा मोथा को 30 से कम सीटें मिलती है तो वह अपने महल के कुछ हिस्सों को बेचकर बीजेपी के 25-30 विधायकों को खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। बर्मा ने कहा कि उनके पास पैसा ही पैसा है। ऐसा क्यों माना जाता है कि केवल बाकी दलों के विधायक बिकाऊ हैं? सिर्फ हम पर ही सवाल क्यों उठाए जाते हैं? बीजेपी वालों को भी खरीदा जा सकता है।