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आजम खां को एक और बड़ा झटका! हाथ से निकल गई रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के जौहर ट्रस्ट द्वारा संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का पट्टा सरकार द्वारा निरस्त किए जाने के बाद उसे खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। एसडीएम सदर निरंकार सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा अल्पसंख्यक विभाग को एक पत्र जारी हुआ है जिसमें आजम खां के जौहर ट्रस्ट द्वारा अनियमितता के कारण उसका पट्टा निरस्त कर दिया गया है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने 4 लोगों की एक कमेटी बनाई थी।

100 रुपये सालाना के किराए पर दिया गया था पट्टा

समिति ने सरकार के पत्र के मद्देनजर यह फैसला लिया था कि जौहर ट्रस्ट के प्रबंधक को रामपुर पब्लिक स्कूल भवन को खाली करने एक नोटिस जारी किया जाए। सिंह ने बताया कि इस सिलसिले में 15 फरवरी को नोटिस जारी किया गया और बिल्डिंग को खाली करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी गई है। बता दें कि रामपुर में जेल रोड स्थित जौहर शोध संस्थान की सरकारी बिल्डिंग को तत्कालीन सपा सरकार ने आजम खां के जौहर ट्रस्ट को 100 रुपये वार्षिक के हिसाब से 99 साल के लिए पट्टे पर दिया था।

इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं आजम खां के सितारे
बता दें कि बुधवार को ही रामपुर की स्वार सीट से सपा के विधायक और आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को राज्य विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही उनकी सीट भी खाली हो गई। ऐसा दूसरी बार है जब अब्दुल्ला अयोग्य घोषित किए गए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर किसी जनप्रतिनिधि को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे तत्काल विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य मान लिया जाता है और सजा काटने के बाद वह छह और सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकता।

आजम और अब्दुल्ला को 2-2 साल की सजा हुई थी
बता दें कि मुरादाबाद की एक अदालत ने वर्ष 2008 में गलत तरीके से धरना-प्रदर्शन करने के मामले में पिछले सोमवार को आजम खां और अब्दुल्ला को 2-2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि अदालत ने दोनों को जमानत भी दे दी थी। दोनों पर 31 दिसंबर 2007 को रामपुर में स्थित CRPF के कैंप पर हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर जांच के लिए 2 जनवरी 2008 को अपना काफिला रोके जाने के विरोध में नेशनल हाईवे पर धरना प्रदर्शन कर रास्ता जाम करने का आरोप था।

अब्दुल्ला आजम 2020 में भी अयोग्य घोषित हुए थे
अब्दुल्ला को इससे पहले वर्ष 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके चुनाव को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से जीत हासिल करने वाले अब्दुल्ला चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु 25 वर्ष से कम उम्र के थे। अब्दुल्ला के पिता आजम खां को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हेट स्पीट के मामले में रामपुर की अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में तीन साल की सजा सुनाई थी, इसके बाद उन्हें भी विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

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