चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना की मान्यता देने और चुनाव चिन्ह धनुष बाण देने के बाद से उद्धव ठाकरे गुट में बैठकों और मंथन का दौर चल रहा है। सोमवार को भी उद्धव ठाकरे ने पार्टी विधायकों और नेताओं की बैठक की। यह बैठक मुंबई स्थित शिवसेना भवन में हुई। बैठक में पार्टी के भविष्य के कदमों पर चर्चा की गई। इस बैठक में राज्य सभा सांसद संजय राउत, सुभाष देसाई, अनिल देसाई और अनिल परब भी शामिल हुए। उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया है कि शिवसेना को खत्म करने की साजिश रची गई। पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह गद्दारों को दे दिया गया। उद्धव ठाकरे ने विपक्षी एकजुटता का आह्वान किया और सभी पार्टियों से चौकन्ना रहने की अपील की है। बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि गद्दार कभी भी ठाकरे नाम नहीं चुरा पाएंगे।

ठाकरे ने कहा कि दिल्ली में बैठे लोगों के पास इतनी ताकत नहीं है कि वह हमारा भाग्य निर्धारित कर सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने उनके साथ न्याय नहीं किया। मुझसे मेरा सबकुछ चुरा लिया गया। पार्टी का नाम, पार्टी का चुनाव चिन्ह सब चुरा लिया गया लेकिन वह ठाकरे नाम नहीं चुरा सकते। हम चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और मामले की सुनवाई कल होगी।

ठाकरे ने कहा कि अगर यह नहीं रुका तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव से देश में अराजकता का दौर शुरू हो सकता है। ठाकरे ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को भंग कर देना चाहिए। चुनाव आयोग को कोई अधिकार नहीं है कि वह पार्टी के फंड पर टिप्पणी करे।