वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) में मिले प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए तेजी से काम शुरू हो गया है। आवास विभाग ने इनके आधार पर भूमि उपलब्ध कराने के लिए अब तक 634.449 हेक्टेयर का लैंडबैंक तैयार किया है। जरूरत के मुताबिक यह भूमि निवेशकों को उपलब्ध कराई जाएगी।

जीआईएस में होटल, लॉजिस्टिक, पर्यटन जैसे सेक्टर में निवेश के बड़े प्रस्ताव आए हैं। ये ऐसे सेक्टर हैं, जिसके निवेशकों को शहरी क्षेत्र में ही जमीन की जरूरत होगी। इसके मद्देनजर ही सरकार ने सम्मेलन के पहले से ही आवास एवं नियोजन विभाग को आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरणों को लैंडबैंक तैयार करने को कहा था।

प्रमुख सचिव आवास एवं नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण ने सभी विकास प्राधिकरणों को लैंडबैंक तैयार कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में अब तक आवास विकास परिषद समेत 14 विकास प्राधिकरणों ने उपलब्ध 634.449 हेक्टेयर भूमि के बारे में रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

उधर, आवास विभाग भी इस उपलब्धता के मुताबिक सेक्टरवार निवेशकों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया तैयार करने में जुट गया है। आवंटन का प्रस्ताव तैयार करके जल्द ही मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा।