छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के घर सोमवार सुबह शुरू हुई प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई देर रात खत्म हो गई। दिनभर की जांच पड़ताल के बाद कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह को ईडी अपने साथ ले गई। दरअसल, ईडी ने यह छापा इसलिए मारा है क्योंकि उन्हें कोयला लेवी घोटाले में इन नेताओं के नाम से पैसों की एंट्री मिली है। ईडी अपनी कार्रवाई में यह जांच रही है कि इन नेताओं के पास पैसे क्यों और कैसे पहुंचे। कोयला लेवी घोटाले मामले में इनकी क्या भूमिका है।

दिनभर चली पूछताछ और तलाशी अभियान के बाद ईडी के अफसर कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह को लेकर बाहर निकले। इस बीच उनके घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता और कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने उन्हें घेर लिया। उपाध्याय का कहना था कि इतनी पूछताछ के बाद बिना किसी तथ्य के अधिकारी आरपी सिंह को नहीं ले जा सकते। हालांकि अधिकारियों के काफी समझाने-बुझाने के बाद विकास आरपी सिंह को ले जाने देने को तैयार हुए। इस बीच हाउसिंग बोर्ड के सदस्य विनोद तिवारी के घर पर तलाशी ले रही ईडी की टीम भी लौट आई ।

ईडी की कार्रवाई खत्म होने के बाद विनोद तिवारी ने घर के भीतर की एक तस्वीर जारी की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, भूपेश बघेल जी की लोकप्रियता से घबराहट, केंद्र के इशारे पर कूटरचित डायरी के पन्ने, महाधिवेशन का डर, आज ईडी पहुंची मेरे घर। सुबह से शाम तक ली मेरे घर की तलाशी। रमन सिंह की आय से संबंधित पेपर घर पर थे। ईडी के अधिकारी पेपर अपने साथ क्यों नहीं ले गये। ईडी रमन सिंह के खिलाफ कार्रवाई कब करेगी।

इधर, ईडी की टीम देर रात तक रामगोपाल अग्रवाल, गिरीश देवांगन, देवेंद्र यादव और चंद्रदेव राय के घर पर तलाशी कर ही रही थी। तलाशी के दौरान रामगोपाल अग्रवाल अपने घर पर मौजूद नहीं थे। इस बीच ईडी की ओर से कार्रवाई पर आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है। कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव घर के बाहर आधी रात के बाद भी हंगामा जारी रहा। देवेंद्र यादव ने रात करीब 11.30 बजे सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा, जिस आत्मविश्वास के साथ आप बाहर डटे हो उसी आत्मबल से मैं अंदर डटा हूं। वादा करता हूं साथियों, न आपका विश्वास टूटेगा न मेरा आत्मबल टूटेगा। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है।

क्यों और कैसे पहुंचे पैसे

छत्तीसगढ़ के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले साल ईडी ने कोयला लेवी घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ में छापेमार कार्रवाई की थी। इस दौरान नेता, कारोबारी और आईएएस अफसरों के घर छापे मारे गए थे। इस रेड के दौरान ईडी के हाथ कुछ दस्तावेज लगे थे। इसमें कुछ कांग्रेस नेताओं को पैसे दिए जाने की एंट्री का रिकॉर्ड मिला था। दरअसल, यह पैसों की एंट्री उस समय की है जब प्रदेश में ढाई-ढाई साल के सत्ता परिवर्तन के मामले में बवाल चल रहा था। और दिल्ली में भूपेश बघेल समर्थक विधायक उन्हें सीएम बनाए रखने की मांग लेकर कांग्रेस हाईकमान के पास पहुंचे थे। इस दौरान कुछ विधायक और कांग्रेस पदाधिकारी पर्दे के पीछे से विधायकों को मैनेज कर रहे थे। सोमवार को ईडी ने इन्हीं नेताओं और विधायकों के घर छापामार कार्रवाई की है। क्योंकि पैसों की एंट्री में इन विधायकों के नाम शामिल हैं। ईडी अपनी कार्रवाई में यह जांच रही है कि इन नेताओं के पास पैसे क्यों और कैसे पहुंचे और कोयला लेवी घोटाले मामले में इनकी क्या भूमिका है। बताया जाता है कि जिन नेताओं का नाम एंट्री में मिला है, उनका सीधे तौर पर कोयला लेवी मामले से कोई लेना-देना नहीं हैं। लेकिन यह एंट्री विधायकों को मैनेज करने के लिए जुटाए गए फंड की हो सकती है।

कहां-कहां पड़े छापे

निदेशालय ने रायपुर की श्रीराम नगर, डीडी नगर, गीतांजलि नगर, मोवा पर छापे मारे हैं। इनमें प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल, कांग्रेस नेता विनोद तिवारी के ठिकाने शामिल हैं। इसके साथ ही भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव और उनके भाई धर्मेंद्र यादव के ठिकानों पर पर कार्रवाई हुई है। तीन दिन बाद यानी 24 फरवरी को कांग्रेस का अधिवेशन शुरू होना है। इसमें सोनिया गांधी और राहुल समेत देशभर से कई बड़े नेता शामिल होने वाले हैं। इससे पहले ईडी ने छापे मारे हैं। इस कारण इस कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं और कांग्रेस नेता तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।