समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को तानाशाही करार दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूरे सिस्टम को तानाशाही में बदल दिया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन, आवाज उठाना विपक्षा का लोकतांत्रिक अधिकार है। उसका कवरेज करना मीडिया और पत्रकारों का दायित्व है। लेकिन मीडिया के लोग जब आज विधान भवन पर हो रहे विपक्ष के प्रदर्शन का कवरेज कर अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे थे, इस दौरान मीडिया कर्मियों के साथ मारपीट और अभद्रता की गई जो कि निंदनीय है।

उन्होंने मीडियाकर्मियों को लेकर कहा कि इस दौरान मीडियाकर्मियों के कैमरे तोड़े गए और उन्हें लातघूंसे तक मारे गए। क्या भाजपा का लोकतंत्र यही है। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र को नहीं मानती है। वह जनता व मीडिया के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है। भाजपा सरकार अपनी खुद की कमिया देखना और सुनना नहीं चाहती है। अखिलेश ने सीएम योगी आदित्यनाथ को बाहरी राज्य का बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी दूसरे प्रदेश से आए हैं। वे उत्तर प्रदेश की जनता का दुख और दर्द नहीं समझते हैं।

अपने बयान में सपा प्रमुख ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने बहुत सपने दिखाए लेकिन इन्वेस्टर्स समिट से प्रदेश को कुछ नहीं मिलने वाला है। बुलडोजर वाली सरकार से ऐसी उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए। भाजपा की सरकार ने किसान, नौजवान और व्यापारी को बर्बाद कर दिया है। महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। भाजपा सरकार जातीय जनगणना नहीं करवा रही है। सड़क से लेकर सदन तक भाजपा के बुलडोजर का विरोध जारी रहेगा।