अमेरिका के साथ रूस ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले “न्यू स्टार्ट” समझौते को तोड़ने के बाद राष्ट्रपति पुतिन के खतरनाक इरादों ने दुनिया में खलबली मचा दी है। इस समझौते के टूटने के बाद दुनिया न्यूक्लियर वॉर के मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है। यह संधि रूस और अमेरिका दोनों को ही नए परमाणु परीक्षण करने से रोकती थी। 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध के एक वर्ष पूरे होने को हैं। मगर अभी तक यह युद्ध किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन के औचक दौरे के साथ ही यूएस समेत पश्चिमी देशों ने जिस तरह से राष्ट्रपति जेलेंस्की की मदद का ऐलान किया, उससे साफ है कि यह युद्ध अब रूस बनाम यूक्रेन ही नहीं, बल्कि यह रूस बनाम अमेरिका और यूरोप हो चुका है। इसके बावजूद रूस हर हाल में यह युद्ध जीतना चाहता है। इसलिए अब पुतिन के कदम परमाणु हथियारों की ओर बढ़ चले हैं।
32 वर्षों बाद पुतिन ने खोली परमाणु परीक्षण साइट
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के गुरु अलेक्जेंडर दुगिन ने अभी कुछ माह पहले दावा किया था कि रूस यह युद्ध कभी नहीं हारेगा। उन्होंने कहा था कि “रूस यूक्रेन का युद्ध जीतेगा या फिर दुनिया खत्म होगी।” उनके इस बयान से साफ है कि रूस जीत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। मगर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने मिलकर यूक्रेन पर रूस की जीत को अब मुश्किल बना दिया है, लेकिन रूस कतई हार मानने को तैयार नहीं है। पुतिन को हार कतई मंजूर नहीं है। इसलिए उन्होंने एटमी जंग का संकेत देकर विश्व में खलबली मचा दी है। पुतिन ने 32 वर्षों से बंद पड़ी रूस की “नोवाया जेमल्या” परमाणु परीक्षण साइट को खोलकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। राष्ट्रपति पुतिन ने इस साइट पर शीघ्र ही परमाणु परीक्षण करने का भी निर्देश दे दिया है। इससे दुनिया में महाविनाश तय माना जाने लगा है।
पुतिन के फैसले ने यूक्रेन से लेकर अमेरिका तक मचाई हलचल
“नोवाया जेमल्या की परमाणु परीक्षण साइट” खोलने के पुतिन के फैसले ने सिर्फ यूक्रेन में ही नहीं, बल्कि अमेरिका और यूरोप तक हलचल मचा दी है। दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार रखने वाला रूस अब किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उसे सिर्फ और सिर्फ जीत पसंद है। यह बात अमेरिका भी जानता है कि पुतिन कभी हार नहीं मानेंगे और वह यूक्रेन पर आखिरी वक्त में परमाणु हथियार गिरा सकते हैं। ऐसे में जो बाइडन का प्रशासन पुतिन के हर कदम पर न सिर्फ नजर रख रहा है, बल्कि उसने भी अपनी परमाणु परीक्षण की तैयारियों को तेज कर दिया है। ताकि रूस को उसी के अंदाज में जवाब दिया जा सके। इधर रूस ने साफ कह दिया है कि यदि अमेरिका नए परमाणु परीक्षण करेगा तो रूस को भी कोई नहीं रोक सकता।
जिनिपंग से मीटिंग के बाद पुतिन तय कर सकते हैं महाविनाश की तारीख
पुतिन के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल वाली संधि तोड़ने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन कह चुके हैं कि पुतिन ने ऐसा करके बड़ी गलती कर दी है। मगर पुतिन को जो बाइडन की इस चेतावनी का बिलकुल भी खौफ नहीं है। जिस अंदाज में उन्होंने 32 वर्षों से बंद अपनी परमाणु परीक्षण साइट को खोला है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन को अमेरिका या यूरोप दबाव बनाने की तमाम कोशिशों के बावजूद झुका नहीं पाए हैं। पुतिन के इरादों को भांप पाना अब अमेरिका समेत पूरे यूरोप के लिए मुश्किल हो रहा है। इस बीच पुतिन ने बीजिंग से अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापित करने में समर्थन मांग लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही मास्को की यात्रा करने वाले हैं। इसके बाद रूस-यूक्रेन का यह युद्ध दुनिया को महाविनाश के किस रास्ते पर ले जाने वाला है, उसकी कल्पना कर पाना मुश्किल होगा। काश! दुनिया को इस महाविनाश से रोका जा सकता।