भारत में जी-20 की बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है। देश में वर्ष भर में करीब 200 बैठकों होनी हैं। आगामी 24 फरवरी को होने वाली जी-20 की सबसे महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने वित्त मंत्री सीतारमण बेंगलुरु के लिए रवाना हो गई हैं। इस दौरान वह अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के सामने वैश्विक मंदी के दौर में मजबूत अर्थव्यवस्था का मंत्र देंगी। वित्त मंत्री निर्मला भारत की अध्यक्षता में जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की पहली बैठक होने जा रही है। दुनिया में तेजी से फैलती महंगाई, कमजोर होती अर्थव्यवस्था और मंदी के लिहाज से यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दुनिया भर के लिए भारत उम्मीद की नई किरण बन गया है। इसलिए सबकी निगाहें भारत में जी-20 की बैठकों से अर्थव्यवस्था की मंदी से लेकर, युद्ध और महामारी के अलावा खाद्य और ऊर्जा संकट के समाधान निकलने की भी उम्मीद है।

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि 24 फरवरी से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय कराधान, वित्तीय क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचा, स्थायी वित्त, बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और वित्तीय समावेश जैसे मुद्दों पर विचार किया जाएगा। बैठक के दौरान सीतारमण इटली, अमेरिका, स्पेन, इंडोनेशिया और ब्रिटेन सहित 10 से अधिक देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगी। इस दौरान वह अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगी। वह दुनिया को वैश्विक मंदी से उबरने का तरीका भी बताएंगी। साथ ही कोरोना महामारी और वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का राज भी बताएंगी। भारत के विभिन्न शहरों में जी-20 की बैठकों का दौर चल रहा है। 1 दिसंबर 2022 से ही भारत जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। अगले एक वर्ष तक भारत जी-20 की अध्यक्षता करता रहेगा। पीएम मोदी के निर्देश पर जी-20 देशों के सामने भारत अपने मजबूत नेतृत्व का लोहा भी मनवा रहा है।