सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बुलेट ट्रेन परियोजना को हरी झंडी दिखाते हुए गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कंपनी की ओर से यह याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ लगाई गई थी, जिसमें बुलेट ट्रेन परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई और मुंबई के विकरोली क्षेत्र में अपनी जमीन के अधिग्रहण को अलग करने से इनकार कर दिया था।
दरअसल, विकरोली क्षेत्र में गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की जमीन थी। इस जमीन से ही बुलेट ट्रेन का रास्ता निकलना था, जिसके चलते सरकार ने जमीन का अधिग्रहण किया था। इस अधिग्रहण के खिलाफ कंपनी ने याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है।
कंपनी ने की थी उचित मुआवजे की मांग
गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की ओर से यह याचिका नौ फरवरी, 2023 को दायर की गई थी। इसमें कंपनी ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 के तहत उचित मुआवजा की मांग की थी। कंपनी ने अधिनियम में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार की धारा 25 के पहले प्रावधान की संवैधानिकता को भी चुनौती दी थी।