ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को केंद्र नरेंद्र मोदी सरकार पर गोरक्षक समूहों के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि ये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उद्देश्यों को पूरा करते हैं।

नवी मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए तेलंगाना से लोकसभा सांसद ने यह भी कहा कि आगामी निकाय चुनावों के साथ-साथ अगले साल महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन को लेकर उचित समय पर फैसला किया जाएगा।

हरियाणा में 16 फरवरी को राजस्थान के दो लोगों की हत्या का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसे गौरक्षकों को एक खुला रास्ता दिया है। राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के निवासी नासिर और जुनैद का 15 फरवरी को गौरक्षकों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया था और अगले दिन हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई कार में उनके शव मिले थे।

गोपालगढ़ पुलिस थाने में 16 फरवरी को पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना), 365 (अपहरण), 367 (अपहरण के बाद गंभीर चोट पहुंचाना) और 368 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 201 (सबूत मिटाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

यह मुसलमानों के खिलाफ राज्य प्रायोजित हिंसा के अलावा और कुछ नहीं है। ऐसे समूहों की गतिविधियां भाजपा के उद्देश्य को आगे बढ़ाती हैं। वे (भाजपा) मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, मोदी सरकार ने एक प्रतिकूल डॉक्यूमेंट्री के लिए बीबीसी के खिलाफ कार्रवाई की, समाचार एजेंसी के खिलाफ खिलाफ आयकर विभाग से छापेमारी करवाई, जबकि ऐसे आतंकवादी समूह अछूते रह जाते हैं।