छत्तीसगढ़ की राजधानी में कांग्रेस पार्टी के 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन का दूसरा दिन है। शनिवार को पार्टी ने राजनीति, विदेशी और आर्थिक मामलों पर प्रस्ताव पास किए। कांग्रेस ने विदेश नीति के मामले में मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किया। विदेश नीति के संकल्प में कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने भारत की विदेश नीति की भावना को संरक्षित करके नहीं रखा। इस कारण भारत ने कई लाभ को खो दिया है।

पार्टी ने अपने संकल्प में कहा, आज भारत के चीन, नेपाल और बांग्लादेश सहित अन्य सभी पड़ोसी देशों से संबंध खराब हैं। चीन ने भारत के साथ आर्थिक और भू-राजनीतिक अंतर को लगातार बढ़ाया है। चीन लगातार रूस, ईरान, श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध को बढ़ावा दे रहा है। भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय संप्रभुता के लिए खड़े होना हमारा कर्तव्य है। लेकिन इसे पूरा करने में भाजपा सरकार विफल रही है। जब बात हमारी सेना और सैनिकों की आती है, तो कांग्रेस पार्टी बिना शर्त सेना और सरकार समर्थन करती है। लेकिन आज वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना नियमों का बार बार उल्लंघन कर रही है।आज चीन लगातार इस तरह की हरकत कर रहा है। लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

कांग्रेस पार्टी सामूहिक निर्णय लेने के सिद्धांत को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। ताकि अनुभवी परामर्श के आधार पर राष्ट्रीय हित में विदेश नीति प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके। भाजपा सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सिद्धांत को विकसित और प्रकाशित करने में पूर्ण रूप से विफल रही है। भारत के भीतर अंतरराष्ट्रीय संगठनों, थिंक टैंक, चैरिटी संसथाओं के कामकाज को भी बहाल और सुरक्षित रखेगी। हालांकि इन संस्थाओं को संवैधानिक ढांचे के भीतर काम करना होगा।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अंतरराष्ट्रीय मामले में प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि आज भारत की विदेश नीति अब सिर्फ व्यक्तिगत नीति बन गई है। प्रधानमंत्री जिस देश में जाते हैं, उसके बाद वहां का कॉन्ट्रैक्ट उनके दोस्त को मिल जाता है। दुनिया किस नजर से हमें देखती है, ये देखना होगा। इस बात पर हम गौर करें तो, हमें इतिहास की तरफ ध्यान देना होगा। दुनिया ने बापू से सीखी सत्याग्रह की ताकत। दुनिया ने कभी सोचा नहीं होगा कि भारत कैसा विशाल होगा। हमने ऐसे संविधान का निर्माण किया, जिससे भाईचारा जीवित रह सकता है। ये वो देश है, जिसने दुनिया को जैन, बौद्ध धर्म दिया। हमने ऐसे प्रधानमंत्री बनाए जिसने विदेश नीति को बेहतरीन तरीके से पेश किया था। मगर आज ये पर्सनल नीति बन कर रह गई है। ये एक व्यक्तिगत नीति बन गई। ये सिर्फ मुनाफे के लिए बन गई है। जब दूसरे देशों में पीएम मोदी जाते हैं, तब उनके दोस्तों को कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है। संसद में भी इस पर सवाल हुआ, पर जवाब नहीं दिया गया। पीएम मोदी केवल श्रेय लेना जानते हैं। कहते हैं कि रूस से हमारे संबंध मजबूत हुए हैं। मगर ऐसा नहीं है। ये संबंध अच्छे हुए, पंडित जवाहरलाल के कारण। उनकी नीति के कारण। हम चीन पर भी संसद में सवाल करते हैं। जवाब दिया ही नहीं जाता। चीन से रोज आयात निर्यात बढ़ रहा है। हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। सरकार आयात-निर्यात बढ़ाने में लगी है।

आर्थिक संकल्प: एमएसएमई 12 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाला क्षेत्र, इसे मिले बढ़ावा

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने महाधिवेशन में आर्थिक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि, मैं 50 साल पहले 1972 में कोलकाता के महाधिवेशन में शामिल हुआ था। उस समय की दुनिया, उस समय की समस्या और आज में कितना अंतर है। आर्थिक प्रस्ताव के दिल और हृदय की बात है रोजगार। आज तीन चुनौतियां हैं, देश के सामने हैं। बेरोजगारी, संस्कृति की रक्षा और संविधान की रक्षा। आज के नौजवान और पहले के नौजवान में अंतर है। आज बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है। पढ़े लिखे बेरोजगार हैं। 8वीं पास बेरोजगार, 9वीं पास बेरोजगार हैं। इनकी पीड़ा हमें समझनी है। इनके लिए काम करना है। हम बात कर सकते हैं तरह तरह के आंकड़ों की। मगर मैं उस ओर नहीं जाऊंगा। बेरोजगारी की समस्या का समाधान कांग्रेस कर सकती है। हमारी संस्कृति देश को जोड़ने की है। हम दिल को जोड़ते हैं। कांग्रेस लोगों को जोड़ती है।

आर्थिक मामलों के संकल्प पर कांग्रेस ने कहा कि 1991 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने उदारीकरण के एक नए युग की शुरुआत की थी। आज उसका परिणाम भारत को मिल रहा है। यूपीए ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला। 30 वर्षों के बाद हम मानते है कि वैश्विक और घरेलू विकास पर विचार करते हुए आर्थिक नीतियों के एक पुन संरचना की आवश्यकता है। देश की आर्थिक नीतियां की पुनर्संरचना एक खुली बाजार वाली अर्थव्यवस्था, धन सृजन का समर्थन, अमीरों, मध्यम वर्गों और गरीबों के बीच असमानता को कम करने वाली और निजी व सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योग द्वारा संचालित विकास में तेजी लाने के लिए होना चाहिए।

देश की आर्थिक नीतियों में मुख्य फोकस नौकरियां होनी चाहिए। हम सरकारी, अर्ध सरकारी निकायों, सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों और सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में सभी रिक्तियां को तुरंत भरने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हमारा बढ़ता व्यापार घाटा चिंता का कारण है। विशेष रुप से से चीन के साथ, जिसने 2022 में 100 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। चीन के साथ व्यापार शर्तों को पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए। ताकि इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य वस्तुओं के आयात को कम किया जा सके। देश में एमएसएमई 12 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाले सबसे बड़ा क्षेत्र है। उन्हें बढ़ने और विस्तार करने के लिए पूर्ण समर्थन दिया जाना चाहिए। शहरी गरीबों के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए मनरेगा के समान एक शहरी नरेगा शुरू किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने आर्थिक संकल्प में फिर से एक बार न्याय योजना को दोहराया। पार्टी का कहना है कि आज न्याय योजना देश की जरूरत है।

कांग्रेस पार्टी ने कहा, केंद्र और राज्य संबंधों विशेष रूप से राजकोषीय संबंधों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। मोदी सरकार ने राज्यों के विधायी क्षेत्र में अतिक्रमण किया है। गलत तरीके से लागू किए गए जीएसटी ने तनावपूर्ण संबंधों में इजाफा किया है। राज्यों के पास संसाधन कम हो गए हैं। उनकी वित्तीय स्थिति इतनी नाजुक अब तक नहीं रही, जितनी अभी है। जीएसटी के साथ राज्यों ने अप्रत्यक्ष कर का अधिकार खो दिया है।