आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उसके 80 प्रतिशत नेताओं को दिल्ली पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही सवाल किया है कि क्या किसी को 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा जा सकता है। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि यह आपातकाल के संकेत हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकालीन युग और वर्तमान के बीच सामानता है।
उन्होंने कहा, कल से आम आदमी पार्टी बार-बार कह रही है कि न केवल मनीष सिसोदिया जी को गिरफ्तार किया गया है, बल्कि पार्टी के लगभग 80 प्रतिशत नेतृत्व को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। पूछने पर केंद्र सरकार कह रही है कि वे केवल हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि सीबीआई ने रविवार को रद्द की गई आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि पुलिस ने आप सांसद संजय सिंह और मंत्री गोपाल राय सहित 50 लोगों को हिरासत में लिया, जो सीबीआई कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं, पुलिस का कहना है कि रविवार को हिरासत में लिए गए नेताओं को सोमवार को रिहा किया जा रहा है।
सौरभ ने कहा कि, मैं जानना चाहता हूं कि नजरबंदी एक घंटे की होती है, दो घंटे की या तीन घंटे की। अब यह 24 घंटे की होगी, क्या पुलिस इतने बड़े नेताओं को 24 घंटे के लिए हिरासत में रख सकती है? कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। किसी को इतने लंबे समय तक हिरासत में रखना ‘अवैध’ बताते हुए उन्होंने कहा कि अब तक नेताओं को अदालत में पेश किया जाना चाहिए था।
सौरभ ने सिसोदिया की गिरफ्तारी पर हैरानी जताई कि ऐसा कौन सा नया घटनाक्रम हुआ है जिसने एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने दावा किया, कि मैंने यह समझने के लिए सभी अखबार पढ़े कि क्या उनके (सिसोदिया) खिलाफ कुछ नया पाया गया है। यह वही बासी कहानी थी जो सीबीआई पिछले साल मई से सुना रही है।
भारद्वाज ने कहा कि शराब नीति को मंजूरी देने और अधिसूचित करने वाले पूर्व एलजी अनिल बैजल से भी पूछताछ की जानी चाहिए। सिसोदिया की गिरफ्तारी की जरूरत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास सभी फाइलें हैं लेकिन उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आप को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी घटनाक्रम के विरोध में भाजपा मुख्यालय के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगी।