भारतीय सड़कों पर मौजूद कुल वाहनों में से करीब 40-50% बिना थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस के दौड़ रहे है। बता दें कि भारतीय परिवहन कानून के तहत वाहन चलाने के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस सबसे जरूरी है।
जल्द ही आपको फास्टैग की मदद से ऑन-द-स्पॉट थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मिल सकता है। इसके लिए परिवहन मंत्रालय बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। अब यदि आप बिना इंश्योरेंस वाहन चला हैं और ट्रैफिक पुलिस आपको पकड़ती है तो आपको फास्टैग की मदद से ऑन-द-स्पॉट इंश्योरेंस खरीदना पड़ सकता है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो देश में करीब 40-50% वाहन बिना इंश्योरेंस के सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। बता दें कि थर्ड-पार्टी बीमा दुर्घटना पीड़ितों के लिए चिकित्सा और उपचार व्यय को कवर करता है।
अंग्रेजी अखबार मिंट में छपी खबर के अनुसार सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है, जिसके तहत पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी एक हैंड हेल्ड डिवाइस की मदद से सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन ऐप की मदद से वाहन की पूरी जानकारी निकालेंगे। यदि वाहन का बीमा नहीं हुआ तो तत्काल परिवहन विभाग के नेटवर्क से जुड़े सामान्य बीमाकर्ताओं की पॉलिसी खरीदने का विकल्प प्रदान करेंगे।
क्या होगी प्रक्रिया
खबर के मुताबिक, इस ऑन-द-स्पॉट पॉलिसियों के प्रीमियम के तत्काल भुगतान के लिए, बैंकों के साथ-साथ बीमा कंपनियों को भी फास्टैग प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकता है, जिसमें फास्टैग बैलेंस से प्रीमियम काटा जाएगा। अखबार ने जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआईसी) के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि काउंसिल की बैठक में स्पॉट इंश्योरेंस पर भी चर्चा की गई थी और इसके कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें तैयार की जा रही हैं और 17 मार्च की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी।
कितना होता है थर्ड पार्टी बीमा
तृतीय-पक्ष बीमा के लिए प्रीमियम वाहनों के आकार और उम्र पर निर्भर करता है, 1000cc-यात्री वाहनों के लिए यह 2,072 रुपये से लेकर 1000-1500cc वाहनों के लिए 3,221 रुपये और 1,500cc इंजन वाले वाहनों के लिए 7,890 रुपये है। बीमा नियामक IRDAI ने पहले ही बीमा कंपनियों को जब्त वाहनों के लिए अस्थायी या अल्पकालिक मोटर बीमा जारी करने की अनुमति दे दी है।