पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांतों में चुनाव के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ‘जेल भरो’ आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, 22 फरवरी को लाहौर से शुरू हुए इस आंदोलन का समापन 1 मार्च को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा अपने-अपने शहरों में गिरफ्तारी देने के साथ होना था।

आंदोलन रोकने का ट्विटर पर किया ऐलान 

असद उमर, शाह महमूद कुरैशी, जुल्फी बुखारी, फैयाज उल हसन चौहान और अन्य सहित पीटीआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आंदोलन के दौरान पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसमें अब तक लाहौर, पेशावर, मुल्तान और गुजरांवाला समेत कई शहर शामिल थे। आंदोलन स्थगित करने की घोषणा करने के लिए इमरान खान ने अपने ट्विटर अकाउंट का सहारा लिया। समा टीवी के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ने पंजाब और के-पी प्रांतों में चुनावों पर शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया और संविधान को बनाए रखने के लिए इसकी सराहना की। खान ने कहा कि वह आंदोलन खत्म कर रहे हैं और अब दोनों प्रांतों में चुनाव अभियान शुरू कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किया ऐलान 

जियो न्यूज ने बताया कि प्रांतों में 90 दिनों के भीतर चुनाव कराने के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद खान ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। संविधान को बनाए रखना सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी थी और उन्होंने आज अपने फैसले के जरिए बहादुरी से ऐसा किया है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) से परामर्श करने और पंजाब में चुनाव की तारीख तय करने के लिए कहा, जबकि केपी के राज्यपाल को प्रांत में चुनाव की तारीख की घोषणा करने का आदेश दिया गया था।