माफिया अतीक अहमद के दो नाबालिक बेटों के मामले में प्रयागराज की अदालत ने पुलिस से 13 मार्च तक रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट में बाल सुधार गृह और पुलिस की रिपोर्ट आज दाखिल नहीं हो सकी। कोर्ट ने 13 मार्च को हर हालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

सीजेएम कोर्ट कर रही है मामले की सुनवाई

माफिया अतीक की पत्नी की याचिका पर सीजेएम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है। बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक के दो नाबालिग बेटे लापता बताए जा रहे थे। बाद में पुलिस से यह जानकारी मिली की अतीक के दोनों नाबालिग बेटों का पता चल गया गया है। दोनों को बाल सुधार गृह भेजा गया है। पिछली सुनवाई के दौरान भी धूमनगंज पुलिस ने अतीक के दोनों बेटों को बाल सुधार गृह में भेजने की जानकारी दी थी।

अतीक की पत्नी की याचिका पर रिपोर्ट तलब

अतीक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि बाल सुधार गृह में संपर्क करने पर भी दोनों बेटों का पता नहीं चल पाया। बाल सुधार गृह ने किसी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद अतीक की पत्नी ने दुबारा सीजेएम कोर्ट में याचिका दाखिल की। अतीक की पत्नी की याचिका पर कोर्ट ने पुलिस और बाल सुधार गृह से रिपोर्ट तलब की है।

बाल संरक्षण गृह में हैं दोनों नाबालिग-एडीजी

बता दें कि यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने इण्डिया टीवी से खास बातचीत में कहा था कि अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटे प्रयागराज में बाल संरक्षण गृह में हैं और सुरक्षित हैं। एडीजी ने कहा कि नाबालिक बच्चों के जो लीगल गार्जियन हैं वो या तो जेल में हैं या फरार हैं तो फिर उन बच्चों को कैसे किसी से भी मिलने दिया जा सकता है। पुलिस को इन दोनों बच्चों का फिलहाल उमेश पाल हत्याकांड में शामिल होने की कोई जानकारी नहीं मिली है। इन बच्चों का फिलहाल इस हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है।

एडीजी ने कहा कि उमेश पाल की हत्या का आरोपी अतीक अहमद का बेटा असद है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है और अगर उमेश पाल हत्या के जो आरोपी हैं वो नही मिलेंगे तो पुलिस अब इस मामले में कुर्की करेगी। उन्होंने बताया कि साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद को पूछताछ के लिए भी यहां लाया जा सकता है।

दोनों नाबालिग बच्चे सुरक्षित हैं-एडीजी

एडीजी ने कहा कि दोनों नाबालिग बच्चे मिले थे और दोनों  बाल संरक्षण गृह में हैं। इन बच्चों के लीगल गार्जियन या तो जेल में हैं या  फरार हैं तो बच्चे किसको दे देें। अगर नाबालिग बच्चों का घटना में हाथ होता तो उन्हे संरक्षण गृह में क्यों भेजते। इसकी जांच में हमारी सभी टीम लगी है। इस हत्या को काफी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया था। इसमें उस्मान उर्फ विजय ने तो पहली गोली चलाई थी, जो  एनकाउंटर में मारा गया था।