आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जल्दी ही वे डीएम और कमिश्नर हटाए जा सकते हैं, जो चुनाव आयोग के तीन साल के प्रावधान के दायरे में आएंगे। ऐसे में वर्ष 2020 और 2021 में तैनाती पाने वाले 23 डीएम और 6 कमिश्नर की जिम्मेदारियों में बदलाव होगा।

प्रदेश की नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी है। आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जल्दी ही वे डीएम और कमिश्नर हटाए जा सकते हैं, जो चुनाव आयोग के तीन साल के प्रावधान के दायरे में आएंगे। ऐसे में वर्ष 2020 और 2021 में तैनाती पाने वाले 23 डीएम और 6 कमिश्नर की जिम्मेदारियों में बदलाव होगा।

अप्रैल-मई में नगर निकाय चुनाव होने की उम्मीद है। जैसे ही आचार संहिता लगेगी, चुनाव आयोग तीन साल से एक ही स्थान पर तैनात डीएम और कमिश्नर को हटाने पर विचार करेगा। लोकसभा चुनाव से पहले भी आमतौर पर आयोग ऐसे अधिकारियों की सूची मांग लेता है। इसलिए उच्चस्तर पर निर्णय लिया गया है कि पहले ही ऐसे मामलों पर विचार कर लिया जाए।

निकाय चुनाव के मद्देनजर वर्ष 2020 से तैनात अधिकारियों को हटाना होगा। वहीं, लोकसभा चुनाव उस क्षेत्र को समझने वाले डीएम व कमिश्नर की देखरेख में हों, इसके लिए यह जरूरी माना जा रहा है कि उन्हें तब तक उस मंडल या जिले में न्यूनतम एक वर्ष का अनुभव हो चुका हो। इस लिहाज से वर्ष 2021 में तैनात किए गए अधिकारियों को अभी से हटाना जरूरी होगा। उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो ये बदलाव नगर निकाय चुनाव से पहले तीन से चार चरणों में हो सकते हैं।

इन जिलों के हट सकते हैं डीएम
मैनपुरी, प्रयागराज, कौशाम्बी, फर्रुखाबाद, अयोध्या, महराजगंज, झांसी, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बागपत, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, सहारनपुर, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, श्रावस्ती, कासगंज व एटा।

यहां के कमिश्नर की बदल सकती है जिम्मेदारी
आगरा, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, आजमगढ़ व सहारनपुर।

निकाय चुनाव से पहले हटेंगे 140 एसडीएम
नगर निकाय चुनाव से पहले 140 एसडीएम के तबादले होंगे। ये वो अधिकारी हैं, जो तैनाती के तीन साल के दायरे में आ रहे हैं। इसी तरह से 30-40 एडीएम को भी इधर से उधर करने की पूरी संभावना है।