कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को लंदन से वापस लौटने के बाद बजट सत्र के दूसरे चरण में गुरुवार को पहली बार संसद पहुंचे थे।

नयी दिल्ली: लंदन में भारतीय लोकतंत्र के बारे में दिये गये कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर संसद से सड़क तक बवाल मचा हुआ है। अपने बयान को लेकर संसद के दोनों सदनों में जारी हंगामे के बीच राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने भारत या भारतीय संसद के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। राहुल ने कहा कि अगर उन्हें संसद में बोलने दिया जाएगा तो वह इस बारे में अपना पक्ष रखेंगे। राहुल गांधी बुधवार को लंदन से वापस लौटने के बाद बजट सत्र के दूसरे चरण में गुरुवार को पहली बार संसद पहुंचे। वह आज 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाले हैं।

‘संसद में बोलने नहीं दिया तो बाहर बोलूंगा’

जब राहुल गांधी से कहा गया कि सत्ता पक्ष उनके बयान के लिए उनसे माफी की मांग कर रहा है, राहुल ने संसद भवन परिसर में कहा, ‘अगर वे मुझे संसद में बोलने देते हैं, तो मैं जो सोचता हूं वह कहूंगा।’ उन्होंने कहा कि जब वह संसद के अंदर बोलेंगे तो यह भारतीय जनता पार्टी को पसंद नहीं आएगा। गांधी ने कहा कि अगर उन्हें इजाजत नहीं दी गई तो वह संसद के बाहर बोलेंगे। हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘बर्बर हमला’ हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं।

राहुल गांधी ने लंदन में और क्या कहा था?
राहुल ने अपने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं। बता दें कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष के सदस्य लंदन में राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र के बारे में दिये गये बयान को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेशी दौरों के दौरान पूर्व में भारत को लेकर की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार किया है। राहुल के बयान और अडाणी के मुद्दे को लेकर हो रहे हंगामे के चलते पिछले कुछ दिनों से संसद लगातार स्थगित होती जा रही है।