सीतापुर। जिले की तहसील बिसवां, लहरपुर और महमूदाबाद क्षेत्र के तमाम गांवों में हर साल बाढ़ और कटान से बड़ी संख्या में ग्रामीणों के घर ढह जाते हैं। उनकी फसलों को भी नुकसान होता है। बाढ़ के दौरान उन्हें ऊंचे स्थान पर पलायन करना पड़ता है। दैवी आपदा के तहत सीएम आवास योजना ग्रामीण से ऐसेे प्रभावितों को आवास देने की व्यवस्था है। हालांकि इस योजना का लक्ष्य कम होने से उन्हें आवास की सुविधा नहीं मिल पाती। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मात्र सामान्य वर्ग के लिए 104 और एससी वर्ग के लिए 44 आवास देने का लक्ष्य है।

सत्यापन में 244 लाभार्थी मिले पात्र
प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों का सत्यापन कराया गया। इसमें छह विकास खंड क्रमश: रामपुरमथुरा, रेउसा, सकरन, पहला, महमूदाबाद, बेहटा के सामान्य वर्ग के 186 व अनुसूचित जाति के 58 लाभार्थी आवास के लिए पात्र मिले थे। जानकारों के मुताबिक सर्वे में तमाम लाभार्थी छूट गए हैं।

केस-1
लहरपुर तहसील के विकास खंड बेहटा की ग्राम पंचायत रमवापुर के मजरा बोधवा के लोगों को अब तक सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। शारदा नदी की कटान की चपेट में आए बोधवा की जगराना, रामप्यारी और मूला सड़क के किनारे छप्पर व पॉलीथिन डालकर रहने को मजबूर हैं। वास्तव में आवास की पात्र होने के बावजूद 2013 में नदी से मकान कट जाने के बाद भी उन्हें आवास की सुविधा नहीं मिली।

केस-2
रामपुर मथुरा ब्लॉक क्षेत्र मे घाघरा,सरयू नदी की बाढ़ व कटान में अपना आशियाना गंवाने के बाद सरकारी सहायता व आवास की राह देख रहे लोग अब मायूस होकर झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं। अखरी, अंगरौरा, बाबा कुटी आदि गांवों के राकेश, संतलाल, रामनरेश, ओमप्रकाश, राकेश बाबू, शांति देवी, तिलकराम, तीरथराम, तेतरी, हरिश्चंद्र, हरीलाल व शंकरलाल सहित करीब 20 लोग सीएम व पीएम आवास योजना का लाभ नहीं पा सके हैं। सरकारी आंकड़े के अनुसार इस वर्ष करीब 27 लोगो के आशियाने नदी में समा गए थे। अफसरों व माननीयों ने इन्हें शीघ्र आवास योजना के तहत घर दिलाने का भरोसा दिया था। इसके बावजूइ करीब पांच माह से ये परिवार छत की तलाश कर रहे हैं।

केस-3
सकरन ब्लॉक की ग्राम पंचायत शाहपुर के मजरा लहसड़ा व सांडा में दो दंपत्ति लंबे समय से प्रधानमंत्री आवास योजना पाने के लिए इंंतजार कर रहे हैं। स्थिति यह है कि दंपत्ति के साथ-साथ उनके बच्चे सांडा सकरन मुख्य मार्ग पर झोपड़ी डालकर जीवन यापन करने को विवश हैं। शाहपुर निवासी जमुना देवी व सांडा निवासी रामजी ने बताया कि उनका परिवार झोपड़ी में जीवनयापन कर रहा है। उन्हें आवास योजना का लाभ अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।