प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव पहले शहरों की 50 प्रतिशत आबादी को पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही 32 प्रतिशत आबादी को सीवरेज कनेक्शन देने का निर्णय किया है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। शहरों में रहने वाले करीब पांच करोड़ लोगों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई और योजनाएं भी हैं।
प्रत्येक घर तक जल आपूर्ति और सीवरेज की सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू किए गए अमृत मिशन 1.0 के अंतर्गत योगी सरकार तेजी से कार्य पूरा कर रही है। इसके साथ ही अमृत-2.0 में भी काम शुरू हो गया है। अब तक सरकार ने कुल 331 में से 262 परियोजनाएं पूरी कर ली हैं। इनकी कुल लागत 5816.55 करोड़ रुपये है। इनमें पेयजल व सीवरेज के 229 एवं फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) के 33 परियोजनाएं शामिल हैं।
कुल 331 परियोजनाओं में से 279 परियोजनाएं पेयजल एवं सीवरेज से जुड़ी हैं, वहीं 52 एफएसटीपी से संबंधित हैं। सभी परियोजनाओं कुल लागत 10941 करोड़ रुपये है। सरकार ने परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। कुल 69 परियोजनाओं में कार्य चल रहा है। इनमें 50 परियोजना पेयजल एवं सीवरेज से संबंधित हैं जबकि 19 एफएसटीपी से संबंधित हैं।
गाजियाबाद में सबसे ज्यादा परियोजनाएं पूरी
पेयजल और सीवरेज से संबंधित पूर्ण हुई परियोजनाओं में गाजियाबाद जोन में सबसे ज्यादा 61 परियोजनाएं पूरी हुईं हैं। लखनऊ जोन में 46, प्रयागराज और आगरा में 36-36 जबकि गोरखपुर में 28 और कानपुर में 22 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। अमृत 1.0 में पेयजल परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 9.2 लाख का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष 8.7 लाख घरों को कनेक्शन दे दिया गया है। 50 हजार कनेक्शन अभी बचे हैं। इसी तरह सीवरेज कनेक्शन की बात की जाए 10.6 लाख के लक्ष्य के सापेक्ष 7.5 लाख कनेक्शन किए जा चुके हैं और 3.1 लाख बचे हैं। वहीं, अमृत-2.0 में भी काम तेजी से शुरू हो गया है।