यूपी में सरकार की योजना पशु संपदा के सहारे स्वरोजगार को बढ़ावा देने की है। दूध, अंडा और मांस का उत्पादन अर्थव्यवस्था के लिए वरदान बन रहा है।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दूध, अंडा और मांस मजबूत कर रहे हैं। दूध व अंडे के उत्पादन में वृद्धि हुई है तो मांस का उत्पादन और निर्यात भी बढ़ा है। सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए युवाओं को इस क्षेत्र से जोड़ रही है। कहा गया है कि पशु संपदा का भरपूर प्रयोग किया जाए, जिससे स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा सके।
उप्र देश के दूध उत्पादन का 17 प्रतिशत हिस्सा उत्पादित करता है। वर्ष 2020-2021 में 313.59 लाख मीट्रिक टन और वर्ष 2021-2022 में 330.05 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन हुआ। वर्ष 2022-2023 में 352.05 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन होने का अनुमान है। प्रदेश में 21,537 दूध समितियां हैं। इससे लगभग 1279,560 पंजीकृत दूध उत्पादक जुड़े हैं। सरकार इनकी संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश में अंडे का उत्पादन बढ़ रहा है। वर्ष 2020-2021 में 362.88 करोड़ और वर्ष 2021-2022 में 404.11 करोड़ अंडे का उत्पादन हुआ। वहीं, वर्ष 2022-2023 में 450.37 करोड़ अंडे के उत्पादन का अनुमान है। इसी तरह मांस का उत्पादन भी बढ़ रहा है। वर्ष 2020-2021 में 1037.55 लाख मीट्रिक टन और वर्ष 2021-2022 में 1127.60 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ। वर्ष 2022-2023 में 1214.43 लाख मीट्रिक टन मांस का उत्पादन हुआ।
मांस के निर्यात में उछाल
भैंस का मांस (आय करोड़ में)
वर्ष – – मीट्रिक टन – – आय
2020-21 – – 4,64,356 – – 10,248
2021-2022 – – 4,74,841 – – 10,006
2022-2023 – – 4,81,749 – – 10,679
भेड़ व बकरे का मांस (आय करोड़ रुपये)
वर्ष – – मीट्रिक टन – – आय
2020-21 – – 618.53 – – 24.01
2021-2022 – – 615.07 – – 25.39
2022-2023 – – 855.95 – – 33.95
पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि पशु संपदा के जरिए लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए। इससे कारोबार बढ़ेगा और लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत बनेगी। इसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।