संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि ‘इस समय मानवता पतली बर्फ पर है और यह बर्फ तेजी से पिघल रही है। इससे बचाव के लिए हमारी दुनिया को सभी मोर्चों पर जलवायु कार्रवाई की जरूरत है।

दुनिया इस समय जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से जूझ रही है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने वैश्विक हालातों पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा कि खतरनाक ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए हमारे हाथ से समय निकलता ही जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि ‘इस समय मानवता पतली बर्फ पर है और यह बर्फ तेजी से पिघल रही है। इससे बचाव के लिए हमारी दुनिया को सभी मोर्चों पर जलवायु कार्रवाई की जरूरत है।

इतना ही नहीं, राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए अमीर देशों को 2040 तक नए जीवाश्म ईंधन की खोज और कोयला, तेल और गैस छोड़ने का आह्वान भी किया है।

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के खतरों पर एक नई रिपोर्ट तैयार की है। यूएन की यह नई रिपोर्ट 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते के बाद से ‘ग्लोबल वार्मिंग’ पर हुए शोध के सिलसिलेवार तरीके से प्रस्तुत सार पर आधारित है। इसे स्विटजरलैंड के शहर ‘इंटरलेकन’ में जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र की अंतर सरकारी समिति की एक सप्ताह तक हुई बैठक के अंत में मंजूरी दी गई है। इस नयी रिपोर्ट के अनुसार इस वैश्विक संकट से निपटने के लिए तत्काल कार्बन उत्सर्जन में कटौती की आवश्यकता है।

संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों के एक शीर्ष पैनल ने सोमवार को कहा कि मानवता के पास जलवायु परिवर्तन के भविष्य के सबसे बुरे नुकसान को रोकने के लिए अभी भी एक मौका है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा करने के लिए 2035 तक कार्बन प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को लगभग दो-तिहाई तक कम करने की आवश्यकता है।